💥जिले के बड़े उद्योगों में हो रही बड़ी घटनाएं… कौन है जिम्मेदार ?
💥सुरक्षा व्यवस्था में भारी लापरवाही, मजदूरों को नहीं दिये जाते सुरक्षा उपकरण।
तहतक न्यूज/रायगढ़।
जिले में सड़क दुर्घटनाओं की तरह उद्योगों में भी लगातार हादसे हो रहे हैं और इन हादसों में कामगारों के अकाल मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोई अचानक दुर्घटना का शिकार हो रहा है तो कोई धधकते भट्टी में कूद रहा है। कल गुरुवार की दोपहर दिल को दहला देने वाली ऐसी ही एक और घटना घट गयी जिसमें एक फीटर की दर्दनाक मौत हो गयी।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर जामगांव स्थित एमएसपी प्लांट में कार्य करने के दौरान 35 वर्षीय सोनू कुमार सिंह दोपहर करीब 12 बजे गर्म राड में पीठ के बल गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे एक निजी अस्पताल में ले जाया गया जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
मूलतः बिहार निवासी सोनू रायगढ़ के मोदी नगर में रहता था। वह एमएसपी प्लांट में पिछले पाँच वर्षों से फीटर के पद पर कार्य करते आ रहा था। सोनू के आकस्मिक मौत की खबर से उसके घर परिवार में जहाँ मातम पसर गया है, वहीं उसके गाँव के लोग सकते में हैं।
उद्योगों में लगातार हो रहे हादसों के पीछे की हकीकत की तहकीकात में तह तक की बात करें तो वास्तव में उद्योग प्रबंधनों द्वारा भारी लापरवाही बरती जा रही है। चंद रूपये बचाने के फेर में कई कंपनियों में कामगारों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराया जाता और न ही खुले में चल रहे मशीनों व अग्निजनित क्षेत्रों के नजदीक सुरक्षा घेरा पर ध्यान दिया जाता है। संबंधित विभाग भी घटना घटने के बाद दिखावे की कार्यवाई कर पुनः कुम्भकरणी बिस्तर पर दुबक जाता है और कंपनी प्रबंधन द्वारा मजदूरों के जान की कीमत महज कुछ लाख मुआवजे के रूप में दे दिया जाता है, सैकड़ों मील दूर रहने वाले परिजन चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते और इसे अपना नियति मान डैडबॉडी को लिए खामोशी से वापस चले जाते हैं। देखा जाय तो उद्योगों में औद्योगिक सुरक्षा नियमों का सही ढंग से पालन नहीं किया जा रहा है। जिम्मेदारी से बचने ज्यादातर कार्य ठेके पर कराये जाते हैं जहाँ मजदूर अपनी जान जोखिम में डाल कर मजबूरी में काम करते हैं।