
तहतक न्यूज/लाखा-रायगढ़, छत्तीसगढ़।
जर्जर एवं खस्ताहाल सड़क को लेकर ग्रामपंचायत लाखा के पंचायत भवन में एक आवश्यक बैठक रखी गयी, जिसमें सड़क से संबंधित आसपास स्थापित उद्योगों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

दरअसल, ग्रामपंचायत लाखा के आश्रित ग्राम चिराईपानी से गेरवानी मुख्यमार्ग तक ग्रामवासियों के आवागमन के लिए कच्ची सड़क पूर्व से निर्मित है जिसमें स्थानीय उद्योगों जैसे – सुनील इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड,वजरान प्रा. लिमिटेड, महालक्ष्मी कास्टिंग, श्री ओम रुपेश, श्री रीयल वायर, श्यामज्योति प्रा. लिमिटेड, राधे गोविन्द केमिकल्स, आदि शक्ति सोप इंडस्ट्रीज, सालासर स्टील एंड पॉवर लिमिटेड आदि के द्वारा भारी वाहनों का आवागमन किया जा रहा है, जिससे कच्ची सड़क की स्थिति अत्यंत जर्जर हो गयी है। जगह-जगह बड़े गड्ढे, उबड़-खाबड़ और कीचड़ युक्त दलदल हो जाने से राहगीरों और स्कूली बच्चों को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, इतना ही नहीं उपरोक्त उद्योगों में आने वाले ट्रक-ट्रेलरों की लम्बी कतार लगी रहती है, जिससे रोड जाम हो जाता है। तीन कि.मी. के इस छोटे से पहुँचमार्ग में घर पहुँचने में लोगों को घंटों लग जाते हैं।

बताया जा रहा है कि यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क है जिसमें उद्योगों द्वारा ग्राम पंचायत से बिना एन.ओ.सी. लिए मनमाने ढंग से भारी वाहनों का आवागमन किया जा रहा है। इस प्रकार जर्जर सड़क में भारी वाहनों की कतार एवं जाम लगाकर ग्रामवासियों के आवागमन को बाधित किया जा रहा है। ग्रामीणों की मानें तो चिराईपानी के स्कूली बच्चों को गेरवानी जाने में इतनी ज्यादा परेशानी हो रही है कि स्कूल टाइम पर बच्चे उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं। ये कैसी विडंबना है कि जहाँ सरकार शाला प्रवेश उत्सव मना रही है, वहीं शिक्षा को आतुर बच्चों को इतनी परेशानियाँ झेलनी पड़ रही हैं।

बहरहाल, आज के बैठक में पहुँचे उद्योग प्रतिनिधियों को पंचायत द्वारा दो टूक शब्दों में तीन दिन के भीतर सड़क मरम्मत कराने को कहा गया है, अन्यथा की स्थिति में सड़क को अवरुद्ध कर आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी दी गयी है, जिस पर उन्होंने सहमति जतायी है। वैसे पिछले साल चिराईपानी के जन-चौपाल में ग्राम वासियों ने पक्की सड़क की माँग रखी थी और ग्राम वासियों व अधिकारियों के समक्ष इन्हीं उद्योग प्रतिनिधियों द्वारा सड़क बनवाने और अपने भारी वाहनों के पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही थी, लेकिन नतीजा रहा वही ढाक के तीन पात।

फिलहाल अब देखना यह है कि इस क्षेत्र के उद्योग प्रबंधन कब तक सड़क निर्माण की शुरुआत करते हैं और यदि नहीं करते हैं तो पंचायत इन पर क्या एक्शन लेती है? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।