
💥अडानी पॉवर का क्षमता विस्तार, जिले का होगा जीना दुश्वार !
💥वर्तमान से कई गुना बढ़ेगा प्रदूषण और बढ़ेगा बिमारियों का प्रकोप !
💥चल रहा प्रलोभन का मायाजाल मगर, फीकी है चाँदी के जूतों की चमक !
तहतक न्यूज/पुसौर। अडानी पॉवर लि. के क्षमता विस्तार को लेकर 12 जुलाई को होने वाली जनसुनवाई की चर्चा इन दिनों बड़े जोरों पर है। पुसौर विकास खण्ड के बड़े भंडार, छोटे भंडार, बरपाली, सरवानी, सूपा, कोतमरा, तपरदा, कठली आदि गाँवों के गलियों और चौक-चौराहों पर बैठे ग्रामीणों के बीच चाहे पुरुष हों या महिलाएं सभी के जुबान पर अडानी पॉवर की जनसुनवाई में विरोध और समर्थन को लेकर गरमारम बहस कुछ ऐसे छिड़ी हुई है जैसे विधानसभा चुनाव। अंतर बस इतना है कि इसमें मात्र एक ही प्रत्याशी है।

जी हाँ, हम आपको बता दें कि रायगढ़ अब उद्योगों का गढ़ बन चूका है और उद्योगों की बहुलता से यहाँ का वातावरण भयंकर प्रदूषण की चपेट में है। प्रदूषण इतना अधिक बढ़ गया है कि प्रकृति प्रदत्त निःशुल्क उपहारों में से एक प्राण वायु शुद्ध ऑक्सीजन नहीं रह गया है। लोगों को साँस लेने में परेशानी हो रही है। दमा, साँस, चर्म रोग, आँखों में जलन, सिलकोसिस जैसी गंभीर बीमारियों से लोग जूझ रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी यहाँ और उद्योगों की नवीन स्थापना या विस्तार न करने की सिफारिश की है।ऐसे में उद्योगों का विस्तार कर प्रदूषण को और बढ़ावा देना अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मारने जैसा है। क्षेत्र वासी पहले से अब कहीं अधिक जागरूक हो चूके हैं और अपना भला-बुरा अच्छी तरह से समझते हैं।

वस्तु स्थिति की वास्तविक तथ्यों के तह तक जाकर देखें तो क्षेत्र वासी अपने पर्यावरण को अब और दूषित करना नहीं चाहते हैं। इनकी मानें तो आगामी जनसुनवाई में अडानी पॉवर लि. को इनके प्रचण्ड विरोध का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि कंपनी प्रबंधन पूर्ण समर्थन हासिल करने स्थानीय लोगों व जन-प्रतिनिधियों के बीच लगातार सम्पर्क कर हर वो पैंतरा आजमाने से नहीं चूक रही है जिसे साम, दाम, दण्ड और भेद की नीति कहते हैं।