
💥अपने ही परिवार को खत्म करने दोस्त को दे दी सुपारी।
💥5 डिसमिल जमीन और चंद रूपये की लालच में तीन लोगों की ले ली जान।
तहतक न्यूज/रायगढ़, छत्तीसगढ़।
जिले के छाल थाना क्षेत्र के कीदा गांव में पिछले दिनों दिल को दहला देने वाली एक घटना की तस्वीर सामने आयी थी जिसमें एक घर के बंद कमरे में एक महिला व दो बच्चों की लाशें बरामद हुई थीं। प्रथम दृष्टया मामला हत्या का लग रहा था सो पुलिस गहन जाँच-पड़ताल में जुट गयी और चंद दिनों में ही आरोपियों को गिरफ्त में लेकर घटना का खुलासा कर दिया।

पुलिस के अनुसार महिला और बच्चों का हत्यारा कोई दूसरा नहीं अपितु महिला का पति ही निकला, जो अपने एक दोस्त के साथ मिलकर अपनी ही पत्नी और दो मासूम बच्चों को मौत की नींद सुला दी। पूछताछ में जो बातें सामने आयीं वो दिल को झकझोर कर रख देने वाली हैं। पता चला है कि दोस्तों के साथ शराब पार्टी व पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद और मारपीट होती थी, जिसके चलते आरोपी पति महेंद्र साहू ने अपने मित्र भागीरथी राठिया को 5 डिसमिल जमीन और मुआवजे से कुछ रकम देने का प्रलोभन देकर पत्नी सुकांति साहू तथा दोनों बच्चे युगल और प्राची की हत्या करने का षड़यंत्र रचा। घटना के समय महेंद्र गाँव से बाहर चला गया ताकि किसी को शक न हो और भागीरथी ने मौका देख घर में घुस कर टांगी से ताबड़तोड़ वार कर तीनों की बेरहमी से हत्या कर दी।
बहरहाल, जिले की चाक-चौबंद और कुशल अनुभवी पुलिस की त्वरित कार्रवाई से दोनों हैवान कानून के शिकंजे में गिरफ्त हैं, लेकिन सवाल उठता है कि लोग कानून की सजा से डर क्यों नहीं रहे? ये तो सभी जानते हैं कि आज हाईटेक के जमाने में कोई भी अपराधी बच नहीं सकता, फिर भी ऐसे जघन्य अपराधों को क्यों अंजाम दिया जा रहा है? लोग जरा-जरा सी विवाद पर क्रोध में इतने पागल क्यों हो जाते हैं? क्रोध के आगे प्रेम, स्नेह, ममता, रिश्ते, नाते, घर, परिवार क्यों पनाह मांगते नजर आ रहे हैं? कानून और समाज के लिए यह सब यक्ष प्रश्न बन कर रह गये हैं। समाज में हो रही ऐसी घटनाएं बेहद ही गंभीर और चिंतनीय है। सभी जानते हैं कि नशा नाश की जड़ है परन्तु इस जड़ को उखाड़ने की बजाय और सींचा जा रहा है, परिणाम स्वरुप आधुनिक पीढ़ी नशे की ओर प्रवृत्त है जिससे भारतीय संस्कृति और सभ्यता आहत हो रही है। जरुरत है, सरकार, कानून, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं और बुद्धिजीवियों को इस मसले पर गहन मंथन करने की।