
तहतक न्यूज/घरघोड़ा-रायगढ़,छत्तीसगढ़।
बहुचर्चित धान खरीदी केंद्र टेण्डा नावापारा में सहायक समिति प्रबंधक मनोज गुप्ता के साथ मिलकर किसानों के नाम पर फर्जी धान खरीदी कर करोड़ों रुपये का हेराफेरी करने वाले फरार आरोपी मुकेश यादव (कंप्यूटर ऑपरेटर) को घरघोड़ा पुलिस ने गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा है, वहीं इस फर्जीवाड़े में शामिल एक और तीसरे आरोपी की तलाश की जा रही है।
दरअसल, 25 फरवरी 2025 को जिला खाद्य अधिकारी रायगढ़ द्वारा गठित जांच दल खाद्य निरीक्षक घरघोड़ा और सहकारिता निरीक्षक घरघोड़ा ने टेण्डा नावापारा स्थित धान खरीदी केंद्र की जांच की। जांच के दौरान केंद्र में 7159.60 क्विंटल धान, 4108 नग खाली नया बारदाना, 426 नग मिलर बारदाना और 1854 नग पीडीएस बारदाना का अभाव था। इस प्रकार समिति को कुल 2 करोड़ 26 लाख 62 हजार 560 रुपये की आर्थिक क्षति पहुँचायी गयी है।
घरघोड़ा पुलिस ने 8 सितंबर को आरोपी मनोज गुप्ता को ग्राम नावापारा टेण्डा से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार करते हुए गबन की राशि में से अपने हिस्से का पैसा निजी उपयोग में खर्च करना बताया। इसके बाद कल घरघोड़ा पुलिस ने दूसरे आरोपी मुकेश यादव को रायगढ़ रोड गेरवानी के पास घेराबंदी कर पकड़ा। उसने भी अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उसे गबन की रकम में से लगभग दो लाख रुपये मिले थे जिन्हें उसने व्यक्तिगत खर्च में लगा दिया। आरोपी मुकेश यादव पिता सुभाष यादव उम्र 28 वर्ष, निवासी पारसपाली थाना पुसौर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है, जबकि तीसरे आरोपी की तलाश में पुलिस की कार्रवाई जारी है।
प्रदेश के धान मंडियों में व्याप्त भ्रष्टाचार और चल रहे घोटालों पर प्रकरण दर्ज होने के बाद भी गबन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जोकि गंभीर चिंता का विषय है। बात तह तक की करें तो यहाँ धान की बोगस खरीदी ही नहीं होती, अपितु तौल में हेराफेरी, किसानों से हमाल खर्च लेना, किसानों की सुविधाओं में कटौती, सुखत के बहाने प्रति बोरी 700 ग्राम से लेकर 2 किलो तक अतिरिक्त धान लेना जैसे और भी कई गड़बड़ियाँ होती हैं। जिम्मेदार अधिकारी कड़ाई से कार्यवाही करें और दोषियों को कठोरतम दंड मिले तो मंडियों में बड़े पैमाने पर हो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है।