
तहतक न्यूज/रायगढ़, छत्तीसगढ़।
जिले में कथित विकास की ओर बढ़ते कदम और पर्यावरण प्रदूषण की विनाशकारी लीला का मंचन एक बार फिर दोहराये जाने की खबर से क्षेत्र में काफी गहमा-गहमी की तस्वीरें सामने आ रहीं हैं। भयंकर प्रदूषण और गंभीर बीमारियों की मार झेल रही जनता जहाँ त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही है तो वहीं एक बार फिर से अपना जल, जंगल और जमीन बचाने की भरसक प्रयास में जुट गयी है और अपनी सरकार से गुहार लगाने रायगढ़ कलेक्ट्रेट परिसर में जद्दोजहद करती नजर आ रही है।


बता दें कि आगामी 14 अक्टूबर को गारे-पेलमा सेक्टर-1 ओपन कास्ट कम अंडरग्राउंड कोल माइंस की स्थापना के लिए लोकसुनवाई प्रस्तावित है। जिंदल पॉवर लिमिटेड को मिले इस कोल माइंस का क्षेत्रीय जनता पुरजोर विरोध कर रही है। वर्तमान में चल रहे पर्यावरणीय विनाश लीला को देखते हुए ग्राम पंचायत आमगांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने ग्रामसभा का आयोजन कर ग्राम की किसी भी शासकीय भूमि, निजी भूमि और वन भूमि को जिंदल पॉवर लिमिटेड को नहीं देने का निर्णय लिया है तथा इस लोकसुनवाई का कड़ा विरोध करते हुए इस लोकसुनवाई को निरस्त करने की माँग की है।


उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में छोटे-बड़े दर्जनों उद्योग बीते कई वर्षों से संचालित हैं और दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की भी कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत की तस्वीरें कुछ और ही उजागर कर रही हैं। बढ़ते प्रदूषण के मामले में तह तक जाकर देखें तो जो हकीकत सामने आ रही है उससे यही प्रतीत होता है कि कई उद्योग पर्यावरण संरक्षण के नियमों का समुचित पालन नहीं कर रहे हैं जिसके कारण पूरा इलाका जानलेवा प्रदूषण से जूझ रहा है। कृषि कार्य बुरी तरह से प्रभावित है। किसानों की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है और वे आर्थिक तंगी से गुजरने को विवश हैं, इतना ही नहीं लोगों को गंभीर बिमारियों से भी गुजरना पड़ रहा है। दुर्घटनायें, नशाखोरी और आपराधिक मामलों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो रही है। पर्यावरण और आम जनों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बनाये गए नीति-नियमों का ईमानदारी व कड़ाई से पालन सभी जिम्मेदार करें तो आज ये दिन नहीं देखने पड़ते। स्थानीय जनता विकास के लिए स्वयं समर्थन में आगे रहती और दर्जन ही क्यों सैकड़ों-हजारों उद्योग-धंधों की स्थापना होती।
