
तहतक न्यूज/घरघोड़ा-रायगढ़, छत्तीसगढ़।
मुखिया मुख सो चाहिए, खान पान को एक।
पालै पोसे सकल अंग तुलसी सहित विवेक।।
मुखिया कैसा होना चाहिए? चाहे वो घर का हो, समाज का हो या फिर देश का हो। जी हाँ ! मुखिया को मुख के समान होना चाहिए। संत तुलसीदास जी के अनुसार मुँह खाने-पीने का कार्य अकेले करता है और वह जो भी खाता-पीता है उससे शरीर के सारे अंगों का पालन-पोषण करता है, इसलिए मुखिया को भी ऐसे ही विवेकवान होकर अपना काम अपने तरीके से करे और उसका उसका फल सभी बाँटे, लेकिन तुलसी के इस दोहे को तार-तार कर दिया है गाँव के एक मुखिया ने जिसने गाँव के ही एक गरीब परिवार का हुक्कापानी बंद कर अपनी दबंगई और तानाशाही रवैये दिखा कर लोकतंत्र और सामाजिक न्याय पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

घरघोड़ा क्षेत्र के ग्राम पंचायत रुमकेरा के सरपंच ने एक परिवार को न केवल झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश की बल्कि खुलेआम गांव में मुनादी कराकर उनका ‘हुक्का-पानी बंद’ और सामाजिक बहिष्कार भी करवा दिया। इससे पीड़ित परिवार सामाजिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और आर्थिक संकट से भी गुजर रहा है।

सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे पीड़ित परिवार द्वारा एसडीएम को दिए गए ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि सरपंच ग्राम पंचायत रूमकेरा सरपंच द्वारा मेरे घर के सामने सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसके कारण मेरे घर आने-जाने का रास्ता बंद हो जा रहा है। कहीं से रास्ता ना होने के कारण मेरे द्वारा उक्त निर्माण के विरुद्ध हाई कोट से स्थगन आदेश लाने के कारण सरपंच द्वारा मेरे और मेरे परिवार के प्रति दुर्भावना रखा जाने लगा जिसके परिणाम स्वरुप सरपंच द्वारा मेरे खिलाफ थाने में पंप चोरी की झूठी शिकायत का आवेदन दिया गया है एवं सरपंच के द्वारा दिनांक 30/8/2025 को गांव में हमारा हुक्का-पानी बंद एवं सामाजिक बहिष्कार के साथ गांव का कोई भी व्यक्ति सबंध रखेगा तो उसके ऊपर 10000 रु. का जुर्माना लगाया जायेगा कहकर मुनादी करवाया गया है, जिसके बाद गांव का कोई भी आदमी हमसे बातचीत नहीं कर रहा है, एवं पूर्ण रूप से हमें गांव से बहिष्क्रित कर दिया गया है। जिसके कारण मैं एवं मेरा परिवार मानसिक प्रताड़ना झेल रहे है, एवं हमारा जीवन यापन दूभर हो गया है। अतः महोदय से निवेदन है कि सबंध में उचित कार्यवाही करे जिससे में एवं मेरा परिवार सम्मान पूर्वक जीवन यापन कर सकें।