
तहतक न्यूज/तखतपुर, छत्तीसगढ़।
छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में, जहाँ पारदर्शिता के साथ शत-प्रतिशत सुशासन लाने के उद्देश्य से “सुशासन तिहार” कार्यक्रम के तहत समाधान शिविर का आयोजन कर रही है तो, वहीं कई शिविरों में दिलचस्प समस्याओं के साथ लोग पहुँच रहे हैं और निराकरण की फरियाद कर रहे हैं, ऐसा ही एक रोचक मामला तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के जरौंधा में आयोजित समाधान शिविर में सामने आया है। यहां शिविर में कोड़ापुरी के ग्रामीणों ने लिखित आवेदन देकर गांव में शराब दुकान खोलने की मांग की है।

दरअसल शराब दुकान नहीं होने से कुछ लोग महुआ से शराब बना कर अवैध बिक्री कर रहे हैं। शराब दुकान खोलने की मांग करते हुए ग्रामीणों ने अपने आवेदन में बताया है कि महुआ शराब पीने के बाद लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। महिलाएं और बच्चे इससे ज्यादा प्रताड़ित हो रही हैं। पत्र में यह भी लिखा है कि इस समस्या के निराकरण के लिए जन संख्या के आधार पर गांव में शासकीय शराब दुकान खोला जाना चाहिए।
गौर तलब हो कि शिविर में मौजूद विधायक धर्मजीत सिंह भी आश्चर्य चकित रह गए, उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में ऐसा पहली बार देख रहा हूँ, जब ग्रामीण इस तरह गांव में शराब दुकान खोलने की मांग कर रहे हैं। सुशासन तिहार के तहत सरकार समस्याओं के निराकरण का कार्य कर रही है, ऐसे में ग्रामीणों के इस समस्या का भी निराकरण किया जाएगा। विधायक ने आबकारी विभाग से प्रक्रिया की जानकारी लेते हुए विभाग को निर्देशित किया है और ग्रामीणों को उनकी आवेदन का निराकरण करने का आश्वासन भी दिया है।
अक्सर देखा जाता है कि जब भी कहीं शराब दुकान खोलने की तैयारी होती है तो स्थानीय लोग खासकर महिलाएं इसका जमकर विरोध करतीं हैं, लेकिन यहाँ स्वयं ग्राम वासी शराब दुकान खोलने की माँग कर रहे हैं जोकि चौंकाने वाली बात है। वैसे देखा जाय, तो शराब की बिक्री और खपत में छत्तीसगढ़ का कोई मुकाबला नहीं। नियंत्रण के लिए शासन भले ही दूर-दराज में दुकान खोले, मगर मदिरा प्रेमी दूर जाकर खरीदने के बजाय गाँव में ही महुआ शराब से अपनी प्यास बुझा लेते हैं, यही वजह है कि हर गाँव में चोरी-छिपे महुआ शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है, इतना ही नहीं ज्यादा कमाने के चक्कर में कुछ लोग उल्टे-सीधे मिलावट भी करते हैं, जिससे पीने वालों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
बहरहाल अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सुशासन तिहार के तहत आयोजित इस महत्वपूर्ण समाधान शिविर में शराब दुकान खोलने, लोगों के इस अनोखे माँग पर असमंजस में सरकार क्या कुछ फैसले लेती है?