तहतक न्यूज/बिलासपुर।
भ्रष्टाचार के इस युग में आपने देखा होगा कि बेईमानी के काम को भ्रष्टाचारियों द्वारा बड़े ही ईमानदारी से निभाया जाता रहा है, लेकिन अब ऐसा भी वक्त आ गया है दोगलेपन का कि यह भी गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए अगले पायदान की ओर बढ़ने लगा है और बेईमानी के ऊपर बेईमानी करने से लोग बाज नहीं आ रहे। ऐसा ही एक दिलचस्प और हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है जिसे जान कर दांतो तले ऊँगली दबाने को मजबूर हो जायेंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मस्तूरी स्थित स्टेट बैंक के मैनेजर ने एक किसान को 12 लाख रुपये लोन देने के एवज में 38 हजार रु. के मुर्गे डकार गया। इतना ही नहीं उसने 12 लाख रुपये का 10 परसेंट कमीशन लेकर बाद में किसान को लोन देने से इन्कार भी कर दिया। निराश होकर किसान ने इसकी शिकायत एसडीएम से करते हुए कार्रवाई की मांग की है। कार्रवाई नहीं होने पर उसने आत्मदाह की चेतावनी दी है। मस्तूरी क्षेत्र के सरगंवा में रहने वाले रूपचंद मनहर पोल्ट्री व्यवसाय के लिए एसबीआई मस्तूरी में 12 लाख रुपये लोन का आवेदन दिया था। किसान का आरोप है कि बैंक मैनेजर सुमन कुमार चौधरी ने लोन पास करने के लिए 10 परसेंट कमीशन की मांग की थी जिसके लिए उसने अपनी मुर्गीयाँ बेच कर दो माह के भीतर दे दिया था इसके अलावा लोन दिलाने के बहाने हर शनिवार को देशी मुर्गा मंगवा कर खाया है जोकि राशि अड़तीस हजार नौ सौ रूपये का हो गया है इसकी रसीद भी मेरे पास है। अब ये मुझे न तो मुर्गा की राशि वापस कर रहा है और न ही मुझे लोन दे रहा है।
घटनाक्रम के तहतक की बात करें तो लोन के नाम पर देश में एक से बढ़कर एक घोटाले और फर्जीवाड़े हो रहे हैं और इसमें रूपचंद मनहर की तरह न जाने और भी कई भोले-भाले ग्रामीण किसान ठगी के शिकार हो रहे हैं जो कोर्ट-कचहरी के चक्कर से बचने सामने नहीं आते।
बहरहाल पीड़ित किसान ने साहस कर न्याय की गुहार लगायी है अब देखना यह है कि उसे न्याय कब तक मिल पाता है या फिर यहाँ भी लोन की तरह न्याय के लिए भटकना पड़ेगा। सवाल ये भी है कि क्या भ्रष्टाचारी मैनेजर के ऊपर कोई ठोस कानूनी कार्यवाही होगी या मामला ठन्डे बस्ते में चला जायेगा?
चढ़ाया दस परसेंट कमीशन और खिलाया अड़तीस हजार का देशी मुर्गा, फिर भी नहीं मिला लोन
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