तहतक न्यूज/बलौदाबाजार।
बलौदाबाजार वन-मंडल के अंतर्गत वाइल्डलाइफ सेंचुरी बारनवापारा अभ्यारण्य की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। यह अभ्यारण अपने में प्राकृतिक छटा को संजोए हुए अनेक जीव-जंतुओं से भरा-पूरा खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहाँ बाघ के आने से पर्यटकों आवागमन काफी ज्यादा बढ़ गया है परन्तु इसके विपरीत पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर यहाँ किसी तरह का कोई पर्याप्त व्यवस्था होता नजर नहीं आ रहा है।
वन-भ्रमण करने आने वाले पर्यटकों के लिए वन विभाग की तरफ से वन-भ्रमण के लिए 34 वाहनों की व्यवस्था है जिसमें वर्तमान में गाँव वालों के पास लगभग 30 जिप्सी व शासन की दो जिप्सी व दो 207 Di जेनों है जिससे पर्यटकों को जंगल भ्रमण कराया जाता रहा है। छुट्टी के दिनों तथा शनिवार व रविवार को पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है जिससे वाहन के लिए कई पर्यटकों को इंतजार करना पड़ता है।
आने वाले पर्यटकों को वन-भ्रमण की गाड़ी व गाइड उपलब्ध कराया जाता रहा है वर्तमान में इन नियमों को संशोधन करते हुए सभी पर्यटकों को तेंदुआ गेट के पास रोका जा रहा है जहां से वन भ्रमण के लिए गाड़ियां मुहैया कराई जानी है जिसका विरोध समस्त जिप्सी संचालकों द्वारा किया जा रहा है। जिप्सी संचालकों द्वारा पिछले पंद्रह दिनों से हड़ताल की घोषणा कर दी गई है जिसके कारण आने वाले पर्यटकों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है,पर्यटकों का कहना है कि इतनी दूर हम लोग परिवार समेत घूमने आते हैं लेकिन यहां वन विभाग की ओर से कोई पर्याप्त सुविधा पर्यटकों के लिए नहीं मिलती।वन विभाग के पास वर्तमान में आने वाले पर्यटकों को घुमाने के लिए दो जिप्सी व दो जेनों (207DI) गाड़ी मात्र है। ऐसे में में एक बड़ा सवाल उठता है कि इन चार गाड़ियों के भरोसे वन विभाग सभी पर्यटकों को कैसे घुमा पायेगा?
बार क्षेत्र से लगे हुए गांव के बेरोजगार युवक पर्यटकों के भरोसे ही अपना जीवन यापन कर रहे थे, इस संशोधन से गाँव जिप्सी चालकों का जीवननिर्वाह करना मुश्किल हो जायगा। जिप्सी चालक संघ का आरोप है कि वन विभाग हम लोगों की रोजी रोटी छीनने का काम कर रहा है जो कि गलत है, चालक संघ का कहना है कि वर्षों से हम लोग पर्यटकों को घुमाने का काम करते हैं जिससे हमारे परिवार का जीवन यापन होता है, लेकिन वन विभाग वन भ्रमण में संशोधन कर हम लोगों का रोजगार छीनने का प्रयास कर रहा है।