💥सालों से कर रहे मुआवजे का इंतजार…!
💥एक ही उपक्रम की दो अलग-अलग नीतियाँ, कर रहे सौतेला व्यवहार…?
तहतक न्यूज/गुरुवार/29अगस्त 2024/बरौद.
ऐसा कौन शख्स है जो अपने पुरखों के खून-पसीने की कमाई चल-अचल संपत्ति से बेदखल होना चाहेगा ? शायद कोई नहीं। हाँ, अगर उसे उसकी संपत्ति का समुचित मुआवजा मिले तो छोड़ने को तैयार हो जायगा लेकिन उसका अंतर्मन कभी सहमत नहीं होगा। हम बात कर रहे हैं ऐसे ही भूमिपुत्रों की जो विस्थापन की मार झेलने को मजबूर हैं। रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकासखंड के अंतर्गत आने-वाला एक ग्राम बरौद है जोकि वन और खनिज सम्पदा से भरपूर है। इस गाँव में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग तथा अन्य कुल मिलाकर 331 परिवार निवासरत हैं जोकि भारत सरकार का एक उपक्रम SECL (साउथ ईस्ट कोलफील्ड्स लिमिटेड) के रायगढ़ क्षेत्र के बरौद विस्तार परियोजना की चपेट में है।भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 25/12/2010 के तहत् निजी भूमि – 395.542 हेक्टेयर, शासकीय भूमि -76.222 हेक्टेयर, वन भूमि – 238.373 हेक्टेयर तथा आबादी भूमि- 9.713 हेक्टेयर कुल भूमि – 719.85 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर ग्राम बरौद को कोल इंडिया लिमिटेड पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना निति 2012 के तहत् 331 परिवारों को विस्थापन किया जाना है। कोल इंडिया लिमिटेड पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना नीति 2012 के अन्तर्गत जो परिवार पुनर्बसाहट स्थल के अलावा स्वेच्छा से अन्यत्र जगह बसाहट लेना चाहते है ऐसे परिवारों के लिए राशि रुपया 03 लाख प्रति परिवार एकमुश्त देने का प्रावधान है जिसको लेकर ग्रामीणों में रोष है। उल्लेखनीय है कि विस्थापन लाभ एसईसीएल के कोरबा जिले के गेवरा ,दीपका , कुसमुंडा परियोजना के संचालित परियोजना के तर्ज़ पर प्रति वयस्क पात्र परिवार को 10 लाख एवं अतिरिक्त पारितोषिक / प्रोत्साहन राशि बोनस के रूप में 05 लाख देने का एसईसीएल निदेशक मंडल बिलासपुर द्वारा 08.08.2022 को 03 लाख पर संसोधन किया गया है लेकिन एसईसीएल के बाकि क्षेत्रों के लिए बसाहट राशि विस्थापन लाभ केवल 03 लाख ही है। ग्रामीणों का कहना है कि एसईसीएल के केवल तीन परियोजनाओं के लिए विशेष पुनर्वास नीति लागू करना न्याय संगत नहीं है। एक ही उपक्रम में दो अलग-अलग नीति बना कर हम विस्थापित परिवारों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। संसोधन किये जाने हेतु रायगढ़ जिले के बरौद परियोजना के विस्थापित परिवार एवं कोरबा जिले के सराईपाली परियोजना के ग्राम बुडबुड़ के द्वारा लम्बे समय से मांग जारी है।
प्रबंधक प्रतिनिधि मंडल एवं ग्रामीणों के बीच कई बार लिखित समझौता तथा मुख्यालय में उच्च स्तर बैठक भी हुआ है जिस पर एसईसीएल के आलाअधिकारियों द्वारा 03 लाख विस्थापन लाभ के अतिरिक्त 05 लाख एक्सग्रेसिया / प्रोत्साहन बोनस राशि देने का अन्य क्षेत्रों के तर्ज़ पर लिखित आश्वासन दिया गया था जो सालों से एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय में अभी तक लंबित है। सम्पर्क करने पर मुख्यालय में विचारधीन है , प्रस्तुत किया गया है , प्रक्रियाधीन है , सकारात्मक निर्णय लिया जायेगा जल्द निर्णय अपेक्षित है , निर्णय हेतु विचार किया जा रहा है, कहकर प्रभावित परिवारों को सालों से गुमराह किया जा रहा है। ग्रामीणों ने इस सन्दर्भ मे भारत सरकार व राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रियों को विस्थापन लाभ व बढ़ोत्तरी के सम्बन्ध में पत्र व्यवहार किया है किन्तु अभी तक कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आया है।