💥हरी-भरी खूबसूरत वादियों की बन रहीं बदसूरत तस्वीरें
💥धन लोलुप उद्योगपतियों की मनमानी से कराहता पर्यावरण
💥समझ से परे है पर्यावरण संरक्षण के जिम्मेदारों की मौन स्वीकृति
तहतक न्यूज/मंगलवार/22अक्टूबर 2024/रायगढ़।
खुली हवा में साँस केवल गरीब ग्रामीण ही नहीं लेते हैं एसी में जीने वालों को भी शुद्ध ऑक्सीजन की जरुरत होती है। इस धरती में सभी प्राणियों के लिए स्वच्छ वातावरण उतना ही जरुरी है जितना भोजन और पानी, लेकिन ऐसा लगता है कि धन के लालच में धन कुबेरों की आँखों में मोतिया नहीं, सोनियाबिंद का जाला कुछ ऐसे बैठ गया है कि उन्हें सोना ही सोना नजर आ रहा है। इन्हें खुद अपनी साँसों की चिंता नहीं है, भले ही वेंटीलेटर पर जी लेंगे लेकिन मुद्रा के लिए प्रदूषण से हाथ मिला कर चलेंगे।
आपको बता दें कि इन दिनों पूँजीपथरा इलाका बेहद ही कठिन दौर से गुजर रहा है। पूरे क्षेत्र में उद्योगों का बाजार लगा हुआ है जिससे समूचे वातावरण में खतरनाक प्रदूषण का काला कोबरा कुण्डली मार कर बैठ गया है और पर्यावरण विभाग बीन बजाते-बजाते कोबरा के विषैले फुफकार की चपेट में आकर गहरी निद्रा में खो गया है।
स्थानीय निवासियों की बात करें तो “माखी गुड़ में गड़ी रहै, पँख रहै लिपटाय। हाथ मलै अउर सिर धुनै, लालच बुरी बलाय ” की तर्ज पर उनके पास हाथ मलने और सिर के बाल नोंचने के सिवा और कुछ नहीं बचा है। विकास के लॉलीपॉप के लोभ में आकर अपनी पुश्तैनी जमीनें देकर यहाँ के किसान त्राहिमाम-त्राहिमाम करने को मजबूर हैं। भयानक प्रदूषण की मार झेल रहे यहाँ के लोगों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। यहाँ का पर्यावरण इतना खराब हो चुका है कि अब और विस्तार या स्थापना की गुंजाईश नहीं है फिर भी सारे नीति-नियमों को ताक में रखकर कल यानि 23 अक्टूबर को एन. आर. इस्पात की लोकसुनवाई, ग्राम पंचायत गेरवानी के आश्रित ग्राम शिवपुरी में आयोजित की गयी है। उल्लेखनीय है कि फर्जी तरीके से बनी झूठी ई. आई. ए. रिपोर्ट के आधार पर नियम विरुद्ध जनसुनवाई आयोजित कराने का आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्त्ता राधेश्याम शर्मा ने पूँजीपथरा थाने में लिखित शिकायत करते हुए रायगढ़ विधायक एवं प्रदेश के पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी सहित कलेक्टर रायगढ़, पर्यावरण सचिव, क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी रायगढ़, कंपनी प्रबंधक और ई.आई.ए. कंसलटेंट कंपनी के प्रमुख पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर शीघ्र गिरफ्तार करने की माँग की है। इधर गेरवानी, शिवपुरी, लाखा, पाली, देलारी सहित आसपास के कई गावों के गली और मोहल्लों की आबो हवा में पूरजोर विरोध करने की बात गूंज रही है। अब देखना यह है कि ऊंट कब और किस ओर करवट बदलता है? बहरहाल स्थानीय लोगों में जनसुनवाई को ले कर चिंता,तनाव व चर्चा की स्थिति गर्म है। उद्योग प्रबंधन और प्रभावित ग्रामवासियों के बीच लगातार बैठकें चल रही हैं और मान-मनौव्वल की बोली लग रही है।
देखिये इस क्षेत्र में प्रदूषण की भयावह तस्वीरें :