
बारिश का मौसम शुरू होते ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप शुरू हो जाता है। नमी के इस मौसम में खासकर मच्छरों द्वारा उत्पन्न बीमारियाँ जैसे मलेरिया व डेंगू इंसानों के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। इनसे बचने के लिए सतर्कता नहीं बरती गयी तो जान भी जा सकती है।
वर्तमान समय में रायगढ़ शहर डेंगू के चपेट में है और यहाँ डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। काबू पाने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोई कसर नहीं छोड़ रहा है फिर भी डेंगू का कहर जारी है। ऐसी परिस्थितियों में प्रत्येक नागरिक को सतर्क रहने की आवश्यकता है और चिकित्सकों द्वारा दिए जा रहे सलाह और सुझावों का हमें पालन करना चाहिए।

रायगढ़ आर्थो एंड जनरल हॉस्पिटल की महिला चिकित्सक डॉ.मल्लिका अग्रवाल अपने अनुभव के आधार पर डेंगू के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी साझा करते हुए बताया कि डेंगू एक मानसून वायरल इन्फेक्शन है, ये Aedes मच्छर के काटने से होता है। इसके पैर में काले रंग के दाने जैसे धब्बे होते हैं। ये ठहरे हुए साफ पानी में भी पैदा होते हैं, डेंगू होने के लक्षण हैं — तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, हाथ पैर में दर्द और शरीर में कमजोरी आने लगता है जिससे ब्रेक बोर्न फीवर भी होता है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि डेंगू होने से शरीर में प्लेटलेट की मात्रा बहुत कम हो जाती है, मरीज गंभीर अवस्था में आ जाते हैं जिससे कि Shock Syndrome या Dengue hemorrhagic fever हो सकता है। इसे बहुत ही सीरियस कंडीशन कहा जा सकता है। इस समय मरीज के पेशाब में, खांसी और उल्टी में भी खून जाने की संभावना हो सकती है।
बचने के उपायों को लेकर डॉ. मल्लिका ने आगे बताया कि इससे बचने के लिए अपने घरों के आस-पास साफ-सफाई का ध्यान रखें। कहीं पर पानी जमा न होने दें। जैसा कि आप जानते ही हैं कि जहां पानी जमा होता है वहां मच्छर पनपता है जिनमें ये वायरस होता है। इसलिए हमें ध्यान रखना होगा कि आस पास कहीं भी टायरों में पानी जमा न हो, छत में पानी जमा ना हो,और बच्चे, बड़े-बूढ़े सब फुल आस्तीन वाले कपड़े पहनें, फुलपैंट पहनें, यानि कि पूरे शरीर को ढक के रखें,मच्छर दानी का उपयोग करें, मोस्किटोस क्रीम, या मच्छर भगाने के लिए मार्टिन या मच्छर अगरबत्ती का उपयोग करें ,कोई मरीज है तो उसे साफ-सुथरे जगह पर रखें। ज्यादा से ज्यादा पानी पियें। इलेक्ट्रोल, जूस आदि का सेवन करें, विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करें और सबसे जरुरी बात ये है कि दर्द की दवाई न लें और न ही घरेलु उपचार करें। दर्द की दवा लेने से खून टूटने का डर रहता है जिससे डेंगू बढ़ सकता है इसलिए जरुरी है कि ऐसे स्थिति में विशेषज्ञ चिकित्सकों से उपचार कराएं।