💥हफ्तों बीत गये आदेश को मगर, अधिकारियों में छायी है खामोशी..!
💥उद्योगों के सामने बेतरतीब खड़े वाहनों से आवागमन में हो रही परेशानी।
💥बढ़ रहा जनाक्रोश, आंदोलन के मूड में ग्रामवासी।
💥प्रधानमंत्री ग्राम सड़कों का हो रखा है बुरा हाल।
💥कुम्भकरण की नींद सो रहे सम्बंधित विभाग..?
तहतक न्यूज/पूँजीपथरा। कला एवं संस्कृति की नगरी व संस्कारधानी कहा जाने वाला रायगढ़ अब औद्योगिक नगरी के रूप में आधुनिक विकास के सोपानों को तय करता अपनी मंजिल की ओर अग्रसर हो रहा है लेकिन यहाँ के बढ़ते आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ भ्रष्टाचार का विकास भी अपने चरम सीमा पर है। नीति-नियमों को ताक पर रख कानून कायदों का जिस प्रकार से खुला उल्लंघन हो रहा है, जिले के लिए बेहद ही शर्मनाक बात है।
पिछले महीने की ही बात है कलेक्टर रायगढ़ कार्तिकेय अशोक गोयल ने मीटिंग के दौरान पुलिस, आर. टी. ओ. और राजस्व विभाग के अधिकारियों को विशेष रूप से ध्यान देने को कहा था कि जिले में उद्योगों की बहुलता के कारण सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही होती है। देखने में आता है कि उद्योगों में लोडिंग-अनलोडिंग के लिए पहुँचे वाहन मुख्य सड़क पर पार्क कर दिये जाते हैं। इससे ट्रैफिक जाम के साथ दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए वाहनों को उद्योग परिसर के भीतर ही पार्क करना है। बाहर गाड़ी खड़ी करने पर कार्यवाही होनी चाहिए लेकिन जिले के मुखिया के आदेशों का कोई पालन नहीं हो रहा है। कहीं कोई कार्यवाही नजर नहीं आ रही है। जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उन्हें देख कर लगता है कि इस ओर न तो अधिकारीगण ध्यान दे रहे हैं और ना ही उद्योग प्रबंधन। ऐसा प्रतीत होता है कि जिले के मुखिया के आदेशों की खुले आम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। थाना पूंजीपथरा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में स्थापित ऐसे कई उद्योग हैं जिनके गेट के सामने मुख्य मार्ग में दर्जनों वाहनों को जहाँ-तहाँ पार्क कर दिया जा रहा है ।
जिससे स्थानीय ग्राम वासियों और स्कूली बच्चों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि भारी वाहनों के आवाजाही से ग्रामीण सड़क मार्ग एक तो पहले से ही बुरी तरह खराब हो चूका है और अब आलम ये है कि बारिश के शुरुआत में ही ये बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गये हैं जबकि अभी पूरी बरसात बाकि है।
स्थानीय ग्रामवासियों द्वारा इस विकराल समस्या के निराकरण के लिए प्रशासन को अवगत कराया जा चूका है किन्तु आज तलक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
बहरहाल लोग जैसे-तैसे गिरते-पड़ते मजबूरी में आना-जाना कर रहे हैं और ट्रक चालकों से झूमा-झटकी हो रही है। अब देखना यह है कि जिले के संवेदनशील जिलाधीश मनमानी कर रहे उद्योगों और आदेश किये गये विभागों की लापरवाही पर क्या कुछ एक्शन लेते हैं?