
तहतक न्यूज/लैलूंगा-रायगढ़, छत्तीसगढ़।
जिले के सबसे पिछड़े इलाके में शुमार आदिवासी बाहुल्य लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र में भ्रष्टाचार की जडें इतनी गहरी और मोटी हो गयी हैं कि उखाड़ फेंकना कठिन ही नहीं, बल्कि असंभव हो गया है। लैलूंगा नगर पंचायत क्षेत्र में पारदर्शिता और नियमों पर अनेकों सवाल उठ रहे हैं। नगर पंचायत ने जिस प्रतीक्षालय को यात्रियों के लिए बनाया था, उसे तोड़कर कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य अभी पूरा भी नहीं हुआ और चर्चा यह है कि 3 दुकानें पहले से ही एक होटल व्यवसायी को आवंटित कर दी गई हैं।

स्थानीय लोगों की मानें तो नगर पंचायत ने नियमों को ताक पर रखकर यह खेल किया गया है। सामान्य प्रक्रिया के अनुसार किसी भी नए कॉम्प्लेक्स के निर्माण से पहले टेंडर की प्रक्रिया होती है जिसे अखबारों में निविदा जारी करना होता है। इसे पंजीकृत ठेकदारों द्वारा प्रक्रिया का पालन करते हुए बोली के अनुसार टेंडर दिया जाता है, परंतु यहां तो माजरा ही कुछ अलग है। मिली जानकारी के अनुसार यहाँ निर्माण कार्य से पहले न तो कोई कोई निविदा नहीं निकाली गई और न हो टेंडर की प्रक्रिया हुई और निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया जोकि अब कार्य पूरा होने वाला है। यहाँ कुल तीन कॉम्प्लेक्स निर्माण हुए हैं। निर्माण स्थल पर यात्री प्रतीक्षालय था, उसे तोड़ कर कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया गया है। जानकार बता रहे हैं कि यह कॉम्प्लेक्स का निर्माण सीधे होटल व्यवसायी को लाभ पहुँचाने के लिए किया गया है।
निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी लेने नगर पंचायत के इंजीनियर अमित एक्का से फोन पर जानकारी ली गई तो बताया गया कि परिषद की बैठक नहीं हुई है। न ही टेंडर हुआ है, निविदा की जानकारी नहीं है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी ही निर्माण कार्य के संबध में जानकारी बता पाएंगे। यह एक गंभीर विषय है कि नगर पंचायत के इंजीनियर को निर्माण कार्य के बारे कोई जानकारी का नहीं होना अपने आप में एक बड़ा सवाल है। आखिर इस निर्माण कार्य के लिए क्या अलग से कोई इंजीनियर बुलाया जाएगा? ले आऊट सहित मूल्यांकन संबधित कार्य के लिए आधिकारियों के मनमानी का ही नतीजा है कि इंजीनियर को पता नहीं है या फिर कहीं मामले की नजाकत को भांपते हुए इंजीनियर ने दूरी तो नहीं बना ली है।
इधर,जिस होटल व्यवसायी को कॉम्प्लेक्स देने की चर्चा जोरों पर है, उस पर पहले से ही आरोप है कि उसने प्रतीक्षालय के पीछे की सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण कर होटल खड़ा कर लिया है। अब उसी से सटे कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराकर पूरा ढांचा बड़े होटल में तब्दील किया जा रहा है जो कि क्षेत्र के नागरिकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ग्रामीणों और व्यापारियों का कहना है कि नगर पंचायत खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रही है। आम व्यापारियों को अवसर देने के बजाय मिलीभगत से चुनिंदा लोगों को फायदा पहुँचाया जा रहा है।
इस पूरे मामले में नगर पंचायत की भूमिका सवालों के घेरे में है। जानकारों का कहना है कि प्रतीक्षालय को तोड़ने के बहुत सारे नियम होते हैं, जिसका पालन नहीं किया गया है ऐसे में जहाँ नगर पंचायत की भूमिका संदेहास्पद नजर आ रही है, वहीं आम जनता के मुद्दों को उठाने वाले नेताओं और जनप्रतिनिधियों की खामोशी समझ से परे है।