
तहतक न्यूज/सारंगढ़-बिलाईगढ़, छत्तीसगढ़।
ऐसा नहीं है कि प्रतिभाएँ केवल शहरों और महानगरों में ही होती हैं, शहर से दूर देहात क्षेत्रों में भी योग्यताएं निवास करती हैं। इसका ताजा उदाहरण प्रस्तुत किया है सरसीवा से कुछ किलोमीटर दूर बलौदी गांव की होनहार बेटी सिमरन जाटवर ने। अपनी पूरी लगन और कठिन मेहनत से सिमरन ने नीट परीक्षा MBBS में 139 वें रेंक हासिल कर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय महासमुंद में स्थान प्राप्त की है। सिमरन की यह सफलता न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, अपितु पूरे क्षेत्र के लिए सम्मान और प्रेरणा की उपलब्धि है।


बता दें कि मेहनत, समर्पण और परिवार के आशीर्वाद ने एक सपना साकार किया है। अब सिमरन सिर्फ डॉक्टर नहीं बन रही है, बल्कि उन तमाम बेटियों की उम्मीद बन चुकी है जो विषम परिस्थितियों में भी रह कर अपने साहस, लगन और परिश्रम के बल पर आगे बढ़ना चाहती हैं। सिमरन जाटवर की मानें तो उसकी यह सफलता माता-पिता और बड़े भाई के आशीर्वाद,व गांववालों की दुआओं से प्राप्त हुई है। उसने कहा कि मेरी सपना एक अच्छी चिकित्सक बनकर जरूरतमंदों की सेवा करना है, जिसके लिए मेरे परिवार ने मुझे अच्छा योगदान दिया। मुझे हौसला व ताकत दी। मुझे स्थानीय लोगों का भी भरपूर आशीर्वाद मिला। मेरे माता-पिता, बड़े भाई व क्षेत्रवासियों ने जो मुझ पर विश्वास रखा है, मैं उस विश्वास को सभी के आशीर्वाद से पुरा करुंगी जिससे गरीब और वंचित लोगों को बेहतर इलाज मिल सके।

बहरहाल, सिमरन की इस सफलता से जहाँ पूरे परिवार में खुशियों की लहर है, वहीं समुचा क्षेत्र गौरवान्वित महसूस कर रहा है। “तहतक न्यूज” छत्तीसगढ़ की होनहार बेटी सिमरन जाटवर की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई देता है और उम्मीद करता है कि सिमरन चिकित्सा के व्यवसायीकरण से दूर योग्य चिकित्सक बन ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों की सेवा कर नाम रोशन करे।

