
💥 साथ खेल रही बहन के रोने पर पिता की डांट से क्षुब्ध 11 साल के बच्चे ने लगायी फाँसी।
💥बदलते वक्त के साथ, बच्चों में जिद्द व चिड़चिड़ापन हो रहा हावी।
💥बच्चों को डांटना हुआ मुश्किल, अभिभावकों की बढ़ी चिंताएं, कैसे सम्भालें अपने बच्चे..?
तहतक न्यूज/रायगढ़, छत्तीसगढ़।
अपनी जान किसको प्यारी नहीं है? यह कथन अब मिथ्या साबित हो रहा है। आज के सभ्य कहे जाने वाले समाज में कब किसकी मति मारी जा रही है, कोई भरोसा नहीं। छोटी-छोटी बातों में आवेश में आकर लोग अपनी जान तक गँवा बैठते हैं, हैरानी तो तब और बढ़ जाती है जब कोई बच्चा जो ए बी सी डी ठीक से समझ नहीं पाया हो और गुस्से में आकर फाँसी का फंदा लपेट कर मौत को गले लगा ले। ऐसा ही एक स्तब्ध कर देने वाला वाकया घरघोड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम रुमकेरा से सामने आया है, जिसमें 11वर्षीय एक बालक अपने पिता की डांट सहन नहीं कर सका और आत्मघाती कदम उठाते हुए गाँव के तालाब के पास एक पेड़ में रस्सी से फंदा लगा कर झूल गया, जिससे उसकी मौत हो गयी।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह दर्दनाक घटना सोमवार के दोपहर की है, जब बालक अपनी छोटी बहन के साथ खेल रहा था, इसी बीच खेल-खेल में किसी बात पर छोटी बहन रोने लगी तो पिता ने उसे डांट दिया। बताया जा रहा है कि पिता की डांट से क्षुब्ध होकर वह गुस्से में गाँव के तालाब की तरफ भाग गया। कुछ देर बाद गांव के लोगों ने उसे पेड़ पर लटका हुआ देखा। खबर लगते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और तत्काल बच्चे को नीचे उतारा। परिजन भी घटनास्थल पहुंचे और बच्चे को लेकर तत्काल घरघोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहाँ चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
इस अविश्वसनीय घटना से जहाँ पूरे क्षेत्र में शोक और सदमे का वातावरण बन गया है, वहीं बच्चों की मानसिकता को लेकर हर एक माता-पिता के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिखायी देने लगी है। बच्चे जो अबोध होते हैं, आज आधुनिक रहन-सहन एवं मोबाईल टीवी जैसे संसाधनों के बेतहाशा उपयोग से कम उम्र में ही बड़े होने लगे हैं और जिद्दी व चिड़चिड़ेपन के शिकार होते जा रहे हैं, यदि समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो निकट भविष्य में इसके और भी भयानक परिणाम देखने को मिलेंगे।