
💥पहले दिखायी सहानभूति,अब दो साल बाद थमाया 6.15 लाख का बिल।
💥न रिजल्ट दे रहे न टीसी, अँधेरे में बच्चों का भविष्य, पीड़िता पहुंची थाने।
तहतक न्यूज/रायगढ़।
कला और संस्कृति की नगरी रायगढ़ को न जाने ऐसी कौन सी बुरी नजर लग गयी है, जिससे आये दिन यहाँ कुछ न कुछ आश्चर्यजनक घटनायें घट रही हैं। एक तरफ जहाँ रायगढ़ की पहचान शिक्षा क्षेत्र में किसी भी बड़े शहर से कम नहीं है। नालंदा परिसर निर्माणाधीन है, वहीं रायगढ़ के पटेलपाली में स्थित वैदिक इंटरनेशनल स्कूल अपने कलंकित करतूतों से बाज नहीं आ रहा है और रायगढ़ के शिक्षा व्यवस्था को सवालों के आईने में खड़ा कर दिया है।
दरअसल मामला वैदिक इंटरनेशनल स्कूल द्वारा दो बच्चों को टीसी नहीं दिया जा रहा है। पहले स्कूल प्रबंधन और मालिक ने पीड़ित परिवार के साथ सहानुभूति का ढोंग रचा और दो साल तक दोनों बच्चों को अपने स्कूल में रखा, अब फीस के रूप में पीड़ित परिवार से 6 लाख 15 हजार रूपये की माँग की जा रही है। इस बात की शिकायत पीड़ित परिवार ने जिला शिक्षाधिकारी, जुटमिल थाना, पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर से भी की है।

इस मामले में श्रीमती प्रियंका पाण्डेय पति स्व. विनय पाण्डेय ग्राम टाड़ापारा (गोरपार, खरसिया) ने शिकायत पत्र में कहा है कि मेरे दो बच्चे विभोर पाण्डेय और विशेष पाण्डेय पटेलपाली स्थित वैदिक इंटरनेशनल स्कूल रायगढ़ में पढ़ते हैं। विभोर पाण्डेय क्लास 9 वीं से 10 वीं गया है और विशेष पाण्डेय 7वीं से 8वीं गया है। मेरे पति विनय पाण्डेय का 16 अक्टूबर 2023 को सड़क हादसे में दुखद निधन हो गया है। वैदिक इंटरनेशल स्कूल का फीस बहुत ज्यादा है उसे देने में मैं असमर्थ हूँ। मेरे पति स्व. विनय पाण्डेय की मृत्यु के बाद स्कूल के चेयरमैन से बात हुई थी कि मैं इतना फीस नहीं दे पाऊँगी तब उन्होंने दिलासा दिया था और कहा था कि आपसे फीस कौन माँग रहा है आप अपने बच्चों को पढ़ाओ, उसके बाद फीस के लिए कोई कॉल नहीं आया और न ही कोई मैसेज आया। अब दो साल बाद फीस माँग रहे हैं। वैदिक इंटरनेशनल स्कूल का जब से नया सेशन चालू हुआ है, तब से हम 10 से 15 बार स्कूल जा चुके है। स्कूल द्वारा न तो बच्चे का रिजल्ट दिया जा रहा है और न ही बच्चों को स्कूल में ही रखा गया है। वहां की प्राचार्य द्वारा बोला गया बिना फीस पटाये हम बच्चे को नहीं रख सकते हैं, आप अपने बच्चे को ले जायें।
टीसी के लिए मैंने दूसरे दिन आवेदन दिया उन्होंने कहा नोड्यूज लगेगा। वहां का साहू बाबू ने नोड्यूज देने से मना कर दिया। उसके बाद हम फिर प्राचार्य के पास गये, तो उन्होंने भी टीसी नहीं दिया, कहा आपका मामला चेयरमेन से होगा। इस प्रकार डेट पे डेट दिये जा रहे हैं पर चेयरमैन मिल रहे हैं, न मेरे बच्चे को पढ़ने दे रहे हैं और न ही टीसी दे रहे हैं। चेयरमैन को कॉल करने पर फोन उठा नहीं रहे हैं। मैने कई बार मैसेज भी किया कि सर प्लीज मेरे बच्चों के भविष्य का सवाल है पर उन्होंने कोई रिसपॉन्स नहीं दिया। इस वजह से मुझे मानसिक टेंसन बहुत ज्यादा हो गया है।
मामले की शिकायत जूटमिल थाना में पहुंचने के बाद जुटमिल थाना में स्कूल प्रबंधन के तरफ से स्कूल प्रिंसिपल,अकाउंटेंट और दो अन्य लोग पहुंचे थे। जब इस मामले में स्कूल प्रबंधन से सवाल किया गया तो कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। बता दें कि इससे पहले भी ऐसा ही अमानवीय चेहरा कुछ दिन पहले वैदिक इंटरनेशनल स्कूल का सामने आया था, जिसमें हॉस्टल कैंपस में 12 वीं की छात्रा की मौत हो गई थी। स्कूल प्रबंधन ने बिना पुलिस को सूचना दिए शव को परिजनों को दिया और बिना पोस्टमार्टम कराए शव को जिले से बाहर भिजवा दिया था। इस मामले में भी स्कूल प्रबंधन की कार्य प्रणाली को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे लेकिन पूरे घटनाक्रम के बीच स्कूल प्रबंधन ने मीडिया से दूरी बना रखी थी। इस मामले में भी स्कूल प्रबंधन अपना पक्ष रखने के बजाय मीडिया के सवालों से बच रही है।