
तहतक न्यूज/01अगस्त/गुरुवार/हमीरपुर।
जन-कल्याणकारी योजनाओं के तहत शासन द्वारा प्रतिवर्ष लाखों-करोड़ों रूपये खर्च कर दिये जाते हैं। गाँव-देहातों में ग्रामीण जनों की सुविधा के लिए बिजली, सड़क, पानी टंकी, तालाब गहरी करण, पचरी निर्माण, सामुदायिक भवन, स्कूल भवन निर्माण आदि अनेकों कार्य करवाये जाते हैं, लेकिन परफेक्ट प्लानिंग के अभाव में कहीं न कहीं कुछ न कुछ कमी रह जाती है और आम जनता को इसका शत-प्रतिशत लाभ नहीं मिल पाता। ऐसा ही एक उदाहरण ग्राम हमीरपुर में देखने को मिल रहा है।

रायगढ़ जिले के लैलूंगा विधानसभा अंतर्गत तमनार जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत हमीरपुर में हाई स्कूल की स्थापना सन 1997 में किया गया था जिसका नवीन भवन सन 2017 में 97 लाख रूपये की लागत से निर्माण किया गया था। सन 2022/23 में इसका जीर्णोद्धार सीएस आर मद से होने के बाद से उक्त स्कूल स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय के रूप मे संचालित है। इस स्कूल में 258 छात्र-छात्रायें अध्ययन रत हैं जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि बच्चों व अभिभावकों में शिक्षा को लेकर कितनी जागरूकता है परन्तु कॉमर्स एवम संस्कृत विषय के शिक्षकों की कमी से जूझ रहे बच्चे अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं। पूर्व में पदस्थ शिक्षक पी. टी. प्रधान को रायगढ़ अटैच कर दिया गया है।

यहाँ आस-पास के लगभग दस कि. मी. दूर से छात्र-छात्राएँ सायकल से आते हैं किन्तु सायकल स्टैंड नहीं होने से खुले आसमान और बारिश में रखना पड़ता है जिससे खराब होने का डर बना रहता है। अभिभावकों का कहना है कि जब सात वर्ष में स्कूल भवन के मरम्मत के लिए बजट मिल जा रहा है तो सायकल स्टैंड के लिए क्यों नहीं मिल रहा? शासन मुफ्त में सायकल दे सकती है तो सायकल रखने के लिए स्टैंड भी बनवा के दे सकती है।