तहतक न्यूज/29जुलाई/सोमवार/रायगढ़ :- जैसा कि आप सभी जानते हैं समस्याएं तो समस्याएं हैं बरसाती कुकुरमुत्ते की तरह हमेशा उगते रहती है और इसके निराकरण के कागजी उपाय भी होते रहते हैं जैसे जन-चौपाल, जन-समस्या निवारण शिविर, ग्राम-सुराज आदि-इत्यादि। इसी तारतम्य में शासन के निर्देशानुसार, नगर निगम क्षेत्र में जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन, 29 जुलाई से 09 अगस्त तक होने जा रहा है। इस शिविर में नल कनेक्शन, राशनकार्ड, आयुष्मानकार्ड, राष्ट्रीय परिवार सहायता, वृद्ध पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, बिजली, पानी आदि अनेकों समस्याओं का निवारण किया जायेगा। शिविर में महिला एवं बाल विकास, नजुल विभाग, खाद्य विभाग तथा जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के स्टाल लगेंगे जहाँ सम्बंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहेंगे।
अब सवाल उठता है कि ये लोक-लुभावन “जन-समस्या निवारण शिविर” शहरों में ही क्यों? गाँवों में क्यों नहीं? गाँवों में तो समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है! कहीं पीने के पानी की समस्या है तो कहीं गाँव में सड़क ही नहीं है। बीमारों को खाट पर ढोया जाता है। जहाँ सड़क है वहाँ डबरी बन गये हैं जिससे ग्रामीणों को चलना मुश्किल हो रहा है। बच्चों को स्कूल आने-जाने में तकलीफ हो रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं का भी बुरा हाल है। दिखावे के लिए उप-स्वास्थ्य केंद्र हैं चिकित्सक भी नियुक्त हैं मगर उनके बैठने के लिए जगह नहीं है। कई ग्राम ऐसे हैं जहाँ गरीबों के लिए स्थायी रोजगार नहीं है। महुआ शराब, गांजा, गुटखा और तम्बाकू में पुरुष तो क्या महिलाएं और बच्चे भी आकंठ डूबे हुए हैं।
इस प्रकार देखा जाय तो सर्वाधिक समस्या, शहरों की अपेक्षा गाँवों में ज्यादा बनी हुई है। शिविरों की आवश्यकता गाँवों को है जहाँ के लोग सीधे, सरल और भीरू स्वाभाव के होने के कारण दफ्तरों में अधिकारियों के समक्ष अपनी बात निर्भीकता से नहीं रख पाते।
ग्रामीण जन-समस्याओं के लिए है कोई निवारण शिविर..?
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