तहतक न्यूज/रायगढ़। “जनसुनवाई” अर्थात् एक ऐसा मंच जहाँ आम जनता की सुनवाई होती है। उद्योगों के स्थापना या विस्तार से लाभ-हानि को लेकर लोग अपनी-अपनी बातें रखते हैं लेकिन, यहाँ पर एक सवाल उठता है कि क्या आम जन इस लोकसुनवाई के अर्थ को भली-भांति समझ पाते हैं? नहीं! क्योंकि जनसुनवाइयों में स्थानीय ग्रामीण माइक पर रटा-रटाया दो वाक्य ‘कंपनी का समर्थन करता हूँ ‘ या ‘कंपनी का विरोध करता हूँ ‘ बोल कर आगे बढ़ जाते हैं। कुछ ऐसे भी भोले-भाले ग्रामीण होते हैं जो माइक के सामने असहज हो जाते हैं और शब्दों को तोड़-मरोड़ देते हैं जैसे – कोई कहता है ‘मैं इस को संबंध देता हूँ ‘ तो कोई कहता है ‘मेरा उसको सम्बन्ध है’ तो कोई महिला कहती है ‘मैं इस कंपनी का समाधान करती हूँ ‘ अब आप इसे अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि जो कभी मंच पर खड़ा नहीं हुआ है, कभी माइक नहीं थामा है ऐसा व्यक्ति स्वेच्छा से ऐसा कैसे बोल पायेगा? मतलब ! दाल में कुछ तो काला है।
अब बात करते हैं अडानी पॉवर की, जिसके क्षमता विस्तार को लेकर सूपा भंडार में 12 जुलाई को जनसुनवाई होनी है। इसके क्षमता विस्तार से वर्तमान से कई गुना अधिक फ्लाई ऐश का उत्सर्जन बढ़ जायेगा जिसे सुरक्षित तरीके से खपाना मुश्किल होगा। जिले में कोई ऐसा उद्योग नहीं है जो पर्यावरण संरक्षण के मापदंडों का शत-प्रतिशत पालन करता हो। यहाँ कई उद्योगों में ईएसपी (प्रदूषण रोधी यन्त्र) दिन में चालू रहता है और अंधेरा होते ही बन्द कर दिया जाता है। चिमनीयों में धुएं के साथ फ्लाई ऐश भी काफी मात्रा में उड़ जाता है जो आस-पास के क्षेत्रों में फैल जाता है। अब ऐसे में कैसे उम्मीद करें कि अडानी पॉवर प्रदूषण नहीं फैलाएगा। वर्तमान में फैल रहे प्रदूषण से स्थानीय वासियों में आक्रोश व्याप्त है और अब लोग अच्छी तरह से समझ गये हैं कि इसके विस्तार से प्रदूषण और बढ़ेगा। हरियाली की जगह हर तरफ फ्लाई ऐश ही नजर आएगा। यही कारण है कि समझदार लोग अडानी पॉवर के जनसुनवाई में जम कर विरोध करेंगे। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कई सामाजिक कार्यकर्ताओं व जन प्रतिनिधियों ने भी कमर कस रखा है जिससे लगता है कि इस जनसुनवाई में अडानी पॉवर को भारी जन विरोध का सामना करना पड़ सकता है।