
💥यूपी के अलीगढ़ से बदायूं होते हुए पहुँचा मुजफ्फर नगर।
💥पहले सास-दामाद फिर समधी-समधन और अब मामी-भांजे हुए शिकार।
तहतक न्यूज/मुजफ्फरनगर।
लगता है उत्तरप्रदेश को बुरी नजर लग गयी है, यहाँ एक के बाद एक ऐसे-ऐसे कांड हो रहे हैं जिसकी कल्पना कोई सपने में भी नहीं किया होगा। बीते कुछ दिनों से यहाँ की पत्नियाँ जिनके खूबसूरत चेहरे हमेशा घूँघट में छिपे रहते थे अब ऐसी बेशर्मी से सामने आ रहे हैं जिसमें पत्नियाँ अपने प्रेमी के साथ फरार हो कर अपने पतियों को धोखा देने और मौत के घाट उतारने से बाज नहीं आ रही हैं। ऐसी ही एक शर्मनाक घटना की तस्वीर यूपी के मुजफ्फरनगर जनपद से सामने आयी है जहाँ एक महिला अपने सगे भांजे संग फरार हो गयी।

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुजफ्फरनगर के जानसठ क्षेत्र के गांव तीसंग निवासी सोनू का विवाह बारह साल पहले 2013 में रीटा से हुई थी। दोनों अपने गृहस्थ जीवन में खुश थे। कुछ दिन पहले सोनू अपनी पत्नी रीटा के साथ खेत पर काम कर रहा था तभी रीटा के सीने में अचानक दर्द होने लगा, सोनू अपनी पत्नी रीटा को लेकर डॉक्टर के पास गया और इलाज करा कर घर पर छोड़कर वापस खेत पर काम करने चला गया, लेकिन सोनू जैसे ही खेत का काम पूरा कर शाम को घर वापस आया, तो पता चला कि पत्नी रीटा उसके भांजे मोनू के साथ फरार हो गई है।
बता दें कि तीन बच्चों की माँ रीटा और मोनू के बीच काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। रीटा अपने साथ एक बेटी को भी ले गयी थी। समझाने-बुझाने के बाद बेटी तो वापस आ गयी, लेकिन पत्नी आने को तैयार नहीं है।

पति सोनू की मानें तो उसे पत्नी और भांजे से अपनी जान का खतरा है। पत्नी ने धमकी दी है कि वह उसका पीछा न करे, परेशान न करे नहीं तो मेरठ के सौरभ की तरह नीले ड्रम में भर दिये जाओगे। मेरठ हत्याकांड से डरा सहमा सोनू एसएसपी कार्यालय पहुँच कर आवेदन दिया है जिसमें उसने अपनी पत्नी को वापस लाने की माँग की है।
एक के बाद एक लगातार हो रहे इस तरह के कारनामें ने सभ्य समाज को झकझोर कर रख दिया है। प्यार और लिव इन रिलेशनशिप जैसी आधुनिक सामाजिक व्यवस्था ने इंसान को वहशी जानवर बना दिया है, पवित्र रिश्तों को दरकिनार कर भेड़-बकरियों की तरह सम्बन्ध बना रहे हैं और अपने व अपने परिवार को बर्बाद कर रहे हैं। इस प्यार और अनैतिक सम्बन्ध के आगे कानून भी हाथ खड़े कर दे रहा है। फिलहाल, वर्तमान सामाजिक और कानूनी व्यवस्था पर जहाँ ऊँगलियां उठने लगी हैं वहीं बड़े-बुजुर्गों के बनाये पुराने रीति-रीवाज और उसकी महत्ता अब लोगों को समझ आने लगी है।