
💥टोल प्लाजा पर रुकने की नहीं कोई जरुरत, होगी समय और ईंधन की बचत।
💥1 मई से फास्टैग की जगह अब होगा सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम।
💥वाहनों में लगवाने होंगे ऑन बोर्ड यूनिट, जो गाड़ी के मूवमेंट को करेगा ट्रेक।
💥जितना सफर उतना ही टोल, बिलिंग में होगी पूरी पारदर्शिता।
तहतक न्यूज/रायगढ़।
अब हाईवे पर सफर करना और आसान हो जायेगा। केंद्र सरकार नई टोल नीति लागू करने जा रही है। केंद्र सरकार 1 मई 2025 से फास्टेग की जगह एक नया सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करने जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ा ऐलान किया है, जो देश में हाईवे पर टोल वसूलने के तरीके को पूरी तरह बदल सकता है।
बता दें कि टोल टैक्स जमा करने के लिए अब तक फास्टैग का उपयोग किया जा रहा था, परन्तु अब उसकी जगह एक नया जीपीएस आधारित टोल सिस्टम लाया जा रहा है। एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार अगले कुछ दिनों में नई टोल नीति लेकर आएगी। इस नयी व्यवस्था का उद्देश्य टोल वसूली को ज्यादा सरल, सटीक और पारदर्शी बनाने के साथ ही हाईवे पर जाम की समस्या को भी कम करना है।

बीते कुछ वर्षों में भीड़भाड़, तकनीकी खामियाँ और टैग के गलत उपयोग जैसे कई मामले आये हैं, इन्हीं परेशानियों को देखते हुए सरकार अब एक ज्यादा आधुनिक सिस्टम की तरफ बढ़ रही है। सरकार जिस नए टोल सिस्टम की बात कर रही है, उसका नाम है Global Navigation Satellite System (GNSS)। जीपीएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली में वाहनों में ऑन बोर्ड यूनिट (ओबीयू) नाम का एक डिवाइस लगाया जायेगा, जिसमें वाहन की लोकेशन को सैटेलाइट की मदद से ट्रैक किया जाएगा, जब कोई गाड़ी हाईवे पर चलेगी तो वह कितनी दूरी तय कर रही है यह ओबीयू से रिकार्ड होगा और उसी आधार पर तय दूरी के अनुसार राशि तय की जाएगी और टोल शुल्क सीधे बैंक खाते से काट लिया जाएगा। यानी अब टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी।
इस पूरे सिस्टम को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) लागू करेगा। शुरुआत में बड़े वाहनों जैसे ट्रकों और यात्री बसों पर यह सुविधा लागू होगी, इसके बाद धीरे-धीरे इसे अन्य सभी निजी वाहनों पर लागू किया जायेगा। लोगों की निजता को भी ध्यान में रखा गया है। जीपीएस सिस्टम भारत के अपने नेशनल रीजनल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम पर आधारित होगा जिसका मतलब सभी डाटा भारत के भीतर ही रहेगा और नागरिकों की जानकारी सुरक्षित रहेगी।
इस प्रणाली को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाना था, लेकिन कुछ तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से इसे टाल दिया गया था। अब यह 1 मई 2025 से पूरे देश में लागू होने की संभावना है।
30 अप्रैल तक फास्टैग इस्तेमाल करना होगा उसके बाद नया सिस्टम इंस्टॉल कराने होंगे। यदि अगर आप पहले से फास्टैग यूजर हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। 30 अप्रैल तक फास्टैग इस्तेमाल करना होगा उसके बाद नया सिस्टम इंस्टॉल कराने होंगे। सरकार धीरे-धीरे नए जीपीएस बेस्ड टोल सिस्टम की ओर बढ़ रही है। इस बदलाव से आपकी टोल यात्रा पहले से कहीं ज्यादा आसान, बेहतर, पारदर्शी और हाईटेक होने वाली है।