
तहतक न्यूज/रायगढ़, छत्तीसगढ़।
लोकतंत्र के मुख्यतः तीन स्तम्भ हैं- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। विधायिका कानून बनाने, कार्यपालिका कानून लागू कराने तथा न्यायपालिका न्याय प्रदान करने का कार्य करते हैं। वहीं मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है। मीडिया जनता को सूचित रखता है, जहाँ सत्ता को जवाबदेह बनाता है, वहीं किसी भी प्रकार की समस्याओं को उजागर करता है, लेकिन आज यही चौथा स्तम्भ मीडिया सुरक्षित नहीं है। आये दिन पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार, गाली-गलौज, धक्का-मुक्की, झूठी एफआईआर, जान से मारने की धमकी, यहाँ तक की पत्रकारों की हत्याएं तक हो रही हैं। इन्हीं सब गंभीर विषयों को लेकर पत्रकारों के अधिकार, सम्मान व सुरक्षा के लिए सदैव संघर्षशील संगठन अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा सेवा समिति के तत्वावधान में आगामी 02 नवम्बर 2025 को बिलासपुर में राष्ट्रीय अधिवेशन का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस महत्वपूर्ण अधिवेशन में देशभर के वरिष्ठ पत्रकार, संपादक, प्रतिनिधि और मीडिया कर्मी शामिल होकर पत्रकारिता के मौलिक अधिकारों पर मंथन करेंगे।
इस राष्ट्रीय आयोजन को सफल बनाने के उद्देश्य से रायगढ़ जिला इकाई के पदाधिकारियों और सक्रिय पत्रकारों की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार शाम 4 बजे शहर के जुटमिल स्थित पहुंना होटल में संपन्न हुई। बैठक में जिलेभर के पत्रकारों ने एकजुट होकर कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया।

बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के जिला अध्यक्ष राजा खान ने की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा अधूरा छोड़ा गया पत्रकार सुरक्षा कानून पूर्ण रूप से लागू हो। पत्रकार केवल खबर नहीं लिखते, वे समाज का आईना हैं और उनकी सुरक्षा पूरे लोकतंत्र की सुरक्षा है।
सभी उपस्थित पत्रकारों ने एकस्वर में यह निर्णय लिया कि रायगढ़ से प्रतिनिधिमंडल बड़ी संख्या में बिलासपुर अधिवेशन में पहुंचेगा और प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून को सशक्त रूप से लागू करवाने के लिए संगठित संघर्ष को गति देगा।
बैठक का माहौल उत्साह, एकजुटता और पत्रकारिता के गौरव को पुनर्स्थापित करने के दृढ़ संकल्प से भरा रहा। अधिवेशन को लेकर रायगढ़ जिले में उत्साह का वातावरण है, और सभी पत्रकार साथी इस आयोजन को सफल बनाने के लिए एकजुट होकर तैयारी में जुट गए हैं। बैठक में संगठन के पदाधिकारियों में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नितिन सिन्हा सहित नरेन्द्र चौबे, नवरत्न शर्मा, भूपेंद्र सिंह ठाकुर, महादेव पड़ीहारी, मनीष सिंह, प्रशांत तिवारी, विपिन सवानी, निमेष पाण्डेय, हेमसागर, प्रशांत गुप्ता, दीपक शोभवानी, पार्थ, राजेश दूबे तथा मीडिया प्रभारी कैलाश आचार्य मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
मीडिया राष्ट्रीय संसाधन है जिसे पत्रकार विश्वास या ट्रस्ट में प्रयोग करते हैं। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है तो लोकतान्त्रिक व्यवस्था में इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, संसद और मीडिया एक-दूसरे के सहयोगी हैं। लोकतंत्र का घेरा विधायिका से शुरू होकर कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया से होते हुए पुनः जनता के पास ही आ जाता है। इस प्रकार देश का लोकतंत्र इन चार स्तम्भों पर टिका है। इन चार स्तम्भों की मजबूती मिलकर मजबूत लोकतंत्र का निर्माण करती है, लेकिन आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ की सुरक्षा के लिए कोई कानून आज तक लागू नहीं हो सका। इसे एक विडंबना ही कहेंगे कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को अपने अधिकार व सुरक्षा प्राप्त करने के लिए बारम्बार जद्दोजहद करनी पड़ रही है, जोकि गंभीर चिंता का विषय है।
