
तहतक न्यूज/रायगढ़, छत्तीसगढ़।
वर्तमान समय में मानव बस्तियों की बढ़ती संख्या और घटते वन प्रांतों से वन्य जीव-जंतुओं की दयनीय स्थिति किसी से छिपी नहीं है, किन्तु हाथियों की अप्रत्याशित रूप से बढ़ती संख्या से जहाँ सुखद अनुभूति होती है, वहीं उनके उत्पात ने मानव जीवन को मुसीबत में डाल रखा है। यही नहीं, अब तो हाथियों के साथ-साथ बाघ का भय भी सताने लगा है। जिले के वन क्षेत्रों में बसे गाँवों के ग्रामीण जनों की दिनचर्या अब सामान्य न होकर दहशत के साये में गुजर रहा है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में बढ़ते जंगली हाथियों के उत्पात के साथ अब यहां के जंगलों में बाघ की मौजूदगी की बात सामने आई है। धरमजयगढ़ वन मण्डल के छाल क्षेत्र में बाघ के विचरण की सूचना ने वन विभाग को सतर्क कर दिया है। बाघ के पंजों के निशान की पुष्टि करते हुए एक दर्जन से भी अधिक गाँवों में मुनादी कर गाँव वालों को अलर्ट करते हुए जंगल की तरफ जाने से मना किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ वन मंडल एवं धरमजयगढ़ वन मंडल में पहले से ही कई दर्जन गांव में जंगली हाथियों के बढ़ते आतंक के कारण गांव के लोग वैसे भी दहशत में हैं और अब बाघ की आहट से यह दहशत और बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि हाथियों के चलते गांव के लोग पहले रतजगा करते थे और अब बाघ के आने से उनकी मुसीबतें और बढ़ गयी हैं। बाघ की धमक के चलते गांव के ग्रामीण अपने मवेशियों को जंगल भेजने से भी हिचकिचा रहे हैं और सड़क किनारे चराते नजर आ रहे हैं।
फिलहाल, बाघ के दर्शन तो नहीं हुए हैं केवल उसके पाँव के निशान मिलने से जहाँ वनविभाग की नींद उड़ गयी है, वहीं हाथी प्रभावित क्षेत्र की जनता को अब बाघ का भय भी सताने लगा है। जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आने-वाले समय में लोगों को हाथियों के साथ-साथ बाघों और चीतों जैसे हिंसक पशुओं का सामना करना पड़ेगा।