
💥जिंदल कंपनी और सरपंच की मिलीभगत ..?
💥शमशान घाट तक पहुँचा फ्लाईऐश का काला साया।
💥फ्लाईऐश के दलदल में फँस कर जान गँवा रहे मवेशी, आम आदमी भी आ सकते हैं चपेट में।
💥ग्रामवासियों ने की है जिला कलेक्टर से शिकायत।

तहतक न्यूज/धनागर-रायगढ़, छत्तीसगढ़।
गाँव का मुखिया याने सरपंच, जिसे गाँव के लोग इसलिए चुनते हैं कि वह गाँव और ग्रामवासियों के हित के लिए कार्य करेगा, लेकिन रायगढ़ से लगे ग्राम पंचायत धनागर के सरपंच ने ठीक इसके विपरीत ऐसा कुछ कार्य कर दिखाया है जिसको लेकर पंच और ग्रामीणों ने अपने ही सरपंच मयाराम उरांव के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जिला कलेक्टर से शिकायत कर इंसाफ की गुहार लगायी है। ग्रामवासियों का आरोप है कि गांव के सरकारी शमशान घाट पर सरपंच ने ही जिंदल का फ्लाईएश गिरवा दिया है, जहाँ फ्लाईएश के दलदल में मवेशी फंसकर मर रहे हैं।

बता दें कि ग्राम पंचायत धनागर से आये पंचों ने दर्जनों की संख्या में गांव की महिला-पुरुषों के साथ बुधवार दोपहर कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर हल्ला बोला।अपने ही सरपंच मयाराम उरांव के विरुद्ध जमकर भड़ास निकालते हुए पंच और ग्रामीणों ने बताया कि धनागर के सरकारी मरघट में सरपंच मयाराम उरांव द्वारा जिंदल स्टील कंपनी से निकलने वाले जहरीले फ्लाईएश को बिना ग्रामीणों की जानकारी के 40 से 50 डम्पर गिरवा दिया गया है। गांव के लोग जब इसकी शिकायत सरपंच से किये तो सरपंच ने उचित जवाब देने की बजाए उल्टे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।

सरपंच की इस गैरजिम्मेदाराना हरकत से नाराज पंच और ग्रामीण इसकी शिकायत पर्यावरण विभाग से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक कर चुके हैं, लेकिन आज तलक सरपंच द्वारा फ्लाईएश को वहाँ से नहीं हटाया गया है। ऐसे में वहां चारा खाने के चक्कर में पहुंचने वाले गाय-बैल और बछड़े सहित अन्य पशुधन दलदल में फँसकर मर रहे हैं। कइयों का तो कंकाल अभी भी फ्लाईएश के दलदल में पड़ा है। डर है कि फ्लाईएश के दलदल में कोई आम इंसान भी फंसकर अपनी जान गंवा सकता है, इसलिए संभावित खतरे को देखते हुए कलेक्टर से उन्होंने आग्रह किया है कि वे सरपंच की मनमानी पर नकेल कसते हुए फ्लाईएश को तत्काल हटवाने की दिशा में सकारात्मक पहल करें। ज्ञापन सौंपने वालों में धनागर के पंच सुखदेव, आशीष कुमार, फिरोज कुमार,कीर्तन यादव, कान्ति, पुनीमती सहित काफी संख्या में ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे थे।

विकास के नाम पर उद्योगों की अंधाधुंध स्थापना ने जहाँ पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित किया है वहीं फ्लाईऐश जिले वासियों के साथ-साथ उद्योगपतियों के लिए भी मुसीबत बन गया है। यही वजह है कि इसे खपाने के लिए येन-केन-प्रकारेण हर वो तरीका अपनाया जा रहा है जो नीति-नियमों के विरुद्ध है। फिलहाल, शासन-प्रशासन फ्लाई ऐश को लेकर काफी सख्त है और अब देखना यह है कि सरपंच व जिंदल कंपनी के खिलाफ कब तक और क्या कुछ कार्रवाई होती है।
