
तहतक न्यूज/धरमजयगढ़-रायगढ़, छत्तीसगढ़।
छत्तीसगढ़ में जब से “सुशासन तिहार” के तहत समाधान शिविरों में आम जनता के समस्याओं का निराकरण क्या शुरू हुआ, लगता है शिकायतों का दौर शुरू हो गया। धरना प्रदर्शन, नाकेबंदी, मारपीट, लड़ाई-झगड़े, दुर्घटनाएँ, हत्या, चोरी जैसी घटनाओं की खबरें बढ़ती जा रही हैं। हद तो तब हो जाती है, जब किसी असहाय गरीब की जमीन पर जबरन कब्जा कर ली जाती है और न्याय का देवता फरियादी को न्याय दिलाने की बजाय आँखें मूँद लेता है। ऐसी ही एक तस्वीर जिले के धरमजयगढ़ तहसील कार्यालय में देखने को मिल रही है।

जानकारी के अनुसार, निजी जमीन पर हुए कब्जे को खाली कराने व अन्य व्यक्ति द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य पर स्थगन आदेश की मांग को लेकर धरमजयगढ़ तहसील कार्यालय में भूमि स्वामी अपने परिवार सहित धरने पर बैठ गया। यही नहीं, निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगाये जाने की स्थिति में पूरा परिवार इच्छा मृत्यु देने की मांग कर रहा है। पत्नी व बच्चों सहित तहसीलदार के विरूद्ध प्रदर्शन किये जाने से पूरे तहसील परिसर में हड़कंप मच गया।
दरअसल, समरेश मण्डल व हरण मण्डल की धरमजयगढ़ तहसील के अंतर्गत खसरा नंबर 402/1 में भू-स्वामी हक की जमीन है। इस जमीन केे लगभग 70 डिसमिल जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर मकान निर्माण शुरू कर दिया था। धरमजयगढ़ तहसील कार्यालय में सीमांकन के लिए आवेदन लगाया था। सीमांकन में उसकी जमीन पर अन्य लोगों का अतिक्रमण करना पाया गया था। इस पर समरेश मण्डल ने वहां हो रहे मकान निर्माण पर स्थगन आदेश देने तहसील कार्यालय में आवेदन लगाया गया, जिसमें तहसीलदार द्वारा स्थगन आदेश नहीं दिये जाने की स्थिति में वह परिवार सहित तहसील कार्यालय में धरने पर बैठ गया। समरेश मण्डल का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।