
तहतक न्यूज/घरघोड़ा-रायगढ़, छत्तीसगढ़।
जिले के वनाँचल क्षेत्रों में पक्षियों की चह-चहाने की आवाज, नदी-नालों के कलकल और बैलों के गले में बँधी घंटी व घुँघरू की आवाज के बजाय अब ग्रामीणों की चीख और विरोध के सूर सुनाई देने लगे हैं। जहाँ देखो वहीं धरना प्रदर्शन, विरोध के नारे, नाकेबंदी की तस्वीरें आये दिन देखने को मिल रहीं हैं। विकास के बजते झुनझुने के आगे कोई भी ग्रामीण के चेहरे पर खुशियों की झलक नहीं दिखाई दे रही हैं। चलिए इसी क्रम में घरघोड़ा क्षेत्र के हरे-भरे प्रकृति के हसीन वादियों के बीच बसे गांवों की ओर रुख करते हैं जहाँ प्रस्तावित ब्लैक डायमंड कंपनी का आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा पुरजोर विरोध किये जाने की चीखें सुनाई दे रहीं हैं।
बता दें कि यहाँ ब्लैक डायमंड कंपनी द्वारा काम शुरू करने भूमि पूजन होना था, लेकिन क्षेत्रवासियों के जबरदस्त विरोध और धरना प्रदर्शन को देख कंपनी के अधिकारियों ने कार्यक्रम को निरस्त कर दिया और वापस लौट गये। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों के विरोध के बावजूद प्रशासन ने जंगल की जमीन का डायवर्सन कर दिया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम राबो, डोकरबुड़ा, गदगाँव व हर्राडीह के ग्रामीण ब्लैक डायमंड कंपनी के खिलाफ हैं और वे नहीं चाहते कि यह कंपनी यहाँ स्थापित हो। ब्लैक डायमंड कंपनी के द्वारा उक्त भूमि पर आज भूमि पूजन किया जाना था जिसकी जानकारी ग्रामीणों को मिलने पर सुबह से ही समस्त ग्रामवासी महिलाएं पुरुष प्रस्तावित भूमि पर इकट्ठा होकर अपना विरोध करने लगे। फिलहाल, ग्रामीणों के विरोध पर कंपनी के द्वारा भूमि पूजन टाल दिया गया है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या ब्लैक डायमंड कम्पनी अपना बोरिया-बिस्तर समेट लेगी? यहाँ यह भी बताना आवश्यक हो गया है कि रायगढ़ लोक सभा सांसद के गृह क्षेत्र में कम्पनी प्रस्तावित हैं और इधर गांव के लोग पुरजोर विरोध कर रहे हैं ऐसे में सांसद राधेश्याम राठिया की ओर से कोई बयान नहीं आने से इस क्षेत्र के आदिवासियों के मन में कहीं यह प्रश्न तो नहीं उठ रहा है कि इस मामले में उनके नेता की खामोशी कम्पनी को मौन समर्थन दे रही हो?