
तहतक न्यूज/सराईपाली-रायगढ़, छत्तीसगढ़।
कथनी और करनी में कितना अंतर होता है इसका ताजा उदाहरण जिले की प्रतिष्ठित कंपनी नवदुर्गा ग्रुप ने बड़ी बेशर्मी और दबंगई से पेश किया है। इस कंपनी ने अपने मुख्य दरवाजे पर बाकायदा एक ऐसा स्लोगन (राष्ट्र निर्माण-हमारा अभियान ) लिख रखा है जिसे पढ़ कर यही समझा जाता है कि जिले का यही एकमात्र कंपनी है जो राष्ट्र के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दे रही है, लेकिन परदे के पीछे की असली कहानी कुछ और ही बयां कर रही है। वास्तविक सच्चाई यह है कि देश और समाज को गुमराह कर यह अपना खुद का निर्माण करने में लगा हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सराईपाली स्थित नवदुर्गा फ्यूल्स प्रा. लिमिटेड, ग्राम कोटवार सुलोचनी चौहान को जीवन निर्वहन के लिए शासन से मिली जमीन को विगत 20 वर्षों से जबरन कब्जा कर रखा है। पीड़िता सुलोचनी चौहान के काफी भाग-दौड़ और परेशानियों के पश्चात् बीते माह जून में जिला प्रशासन द्वारा नवदुर्गा कंपनी को 15 दिन के अंदर जमीन वापस करने को निर्देशित किया गया था, किन्तु लगभग ढाई एकड़ की जमीन भूमि स्वामी सुलोचनी चौहान को आज तक वापस नहीं की। जमीन के लिए सुलोचनी दर-दर भटक रही है, कंपनी के गेट के सामने चीख रही है, चिल्ला रही है, लेकिन कंपनी प्रबंधन दरवाजा बंद कर कानों में उंगली रख तमाशा देख रही है।
नवदुर्गा फ्यूल्स के गेट के सामने एक अबला, विधवा नारी के प्रलाप की तस्वीरों ने जहाँ शासन के उदासीन रवैये को प्रश्ननांकित किया है, वहीं राष्ट्र निर्माण को अपना अभियान कहने वाले नवदुर्गा ग्रुप की दबंगई, हठधर्मिता और झूठ को उजागर किया है। इससे न केवल कंपनी की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है बल्कि क्षेत्र वासियों में आक्रोश का माहौल देखा जा रहा है। चूँकि मजदूर संगठन स्वस्तिक मजदूर सेवा समिति पीड़िता के साथ है यदि जमीन नहीं मिली तो आने-वाले समय में किसी बड़े आंदोलन की तस्वीरें देखने को मिल सकती हैं।
