
💥भालूनारा से रॉबर्टसन रेलवे साइडिंग तक सड़क हुआ बदहाल।
💥अडाणी कंपनी द्वारा कोयला ढूलाई के लिए भारी ट्रकों के इस्तेमाल से सड़क हुआ बड़े गड्ढों में तब्दील।
💥दर्जनों गाँव के ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को आवागमन में हो रही बड़ी परेशानी।
💥अडाणी के खिलाफ सुलग रही थी आक्रोश की चिंगारी, ग्रामीणों ने कर दिया आंदोलन।
💥रोकी ट्रकें तो नई सड़क निर्माण कराने की दी सहमति
तहतक न्यूज/रॉबर्टसन-रायगढ़, छत्तीसगढ़।
जिले के खरसिया विधानसभा क्षेत्र के भालूनारा से रॉबर्टसन रेलवे साइडिंग तक की जर्जर हो चुकी सड़क से परेशान दर्जनों गाँव के ग्रामीणों ने आज से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है। यह सड़क, कोयला ढूलाई के लिए अडाणी कंपनी द्वारा भारी ट्रकों के इस्तेमाल से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।

आपको बता दें कि यह सड़क आसपास के दर्जनों गांवों के लिए आवागमन का एकमात्र साधन है, इस मार्ग का उपयोग अडाणी कंपनी भी कर रहा है। भालूनारा से नवागांव, पामगढ़ चौक, छोटे डुमरपाली, बड़े डुमरपाली तथा अम्बेडकर नगर से होते हुए रॉबर्टसन रेलवे स्टेशन तक अडाणी कंपनी के द्वारा ट्रांसपोर्टर के माध्यम से सैकड़ों टन कोयला हैवी ट्रकों से प्रतिदिन ढूलाई की जा रही है, जिसकी वजह से सड़क पर जगह-जगह जानलेवा गड्ढे बन गये हैं। गर्मी में धूल व बारिश में कीचड़ होने से आवागमन करने वाले राहगीर, स्थानीय ग्रामीण और स्कूली बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। ग्रामीणों का आरोप है कि अडाणी कंपनी सड़क का उपयोग तो भरपूर कर रही है, लेकिन इसके मरम्मत और रखरखाव के लिए कोई ध्यान नहीं दे रही है।

बारम्बार ध्यानाकर्षण के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होने पर आज सुबह 9:30 बजे से नवागांव के पास प्रभावित गांवों और आसपास के ग्रामीणों ने एकजुट होकर शांतिपूर्ण तरीके से केवल कोयला ट्रकों को रोककर आंदोलन शुरू किया। ग्रामीणों का कहना था कि यह सड़क हमारे दैनिक आवागमन व स्कूली बच्चों और मरीजों के लिए एक मात्र रास्ता है। जर्जर हो जाने से आये दिन दुर्घटनाओं का भय बना रहता है यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सड़क के पुनर्निर्माण की ठोस कार्रवाई नहीं होती। क्षेत्रवासियों ने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी से समर्थन की अपील की, वहीं आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।

आंदोलन की जानकारी मिलते ही खरसिया विधायक उमेश पटेल पहुँचे और आंदोलनकारियों के साथ एकजुटता दिखायी। आखिरकार, खरसिया एसडीएम प्रवीण तिवारी अडाणी कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ धरना स्थल पहुँचे और वस्तुस्थिति की जानकारी ली। बातचीत के दौरान 12 जून से अस्थायी रूप से डब्लू एम एम तकनीक से सड़क की मरम्मत करने और अक्टूबर से नये सड़क बनाये जाने की सहमति बनी। इस सम्बन्ध में विधायक उमेश पटेल ने कहा कि यह आश्वासन अन्तिम होना चाहिए और किसी भी प्रकार की लापरवाही या धोखा बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

बहरहाल, विधायक उमेश पटेल और एसडीएम प्रवीण तिवारी के समक्ष अडाणी कंपनी के द्वारा लिखित आश्वासन उमेश पटेल को सौंपने की सहमति पर आंदोलन समाप्त कर दिया गया है। अब देखना लाजिमी होगा कि अड़ियल अडाणी अपने वादे में कितना खरा उतर पाता है या फिर नतीजा वही ढाक के तीन पात…?