
तहतक न्यूज/रायगढ़, छत्तीसगढ़।
कहते हैं, चिकित्सक भगवान का दूसरा रूप होते हैं। इंसान जब रुग्ण होता है तो उसका एकमात्र सहारा डॉक्टर ही होता है। इस कथन को सत्य साबित किया है जिले के ख्याति प्राप्त अस्थि विशेषज्ञ डॉ. अहर्निश अग्रवाल ने। उन्होंने एक नौजवान के कूल्हे की टूटी हड्डी का सफल ऑपरेशन कर अल्प समय में ही फिर से चलने लायक बना दिया जिससे युवक की शादी तय तिथि पर संपन्न हो सकी।

आपको बता दें कि ग्राम बंजारी, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ निवासी प्रकाश मौर्या की शादी 8 मई को तय थी, इस बीच 26 अप्रैल को एक्सीडेंट होने से प्रकाश के बाएं पैर के कूल्हे की हड्डी टूट गयी थी। परिजन घबरा गये, उन्हें लगा कि कहीं शादी स्थगित न करनी पड़ जाय। अंत में उन्होंने रायगढ़ आर्थो एंड जनरल हॉस्पीटल के डॉ. अहर्निश अग्रवाल से सम्पर्क किया। डॉ. अग्रवाल ने ऑपरेशन की सलाह दी और विश्वास दिलाया कि 10 दिन के अंदर ही यह शादी के लिए फिट हो जायगा।

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजू अग्रवाल के मार्गदर्शन में डॉ. अहर्निश द्वारा 28 अप्रैल को सफलता पूर्वक ऑपरेशन किया गया और 30 मई को वॉकर के सहारे मरीज को चलाया गया। चिकित्सकीय निर्देशों के पालन के साथ शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करते हुए विवाह के समय आने तक प्रकाश मौर्या पूरी तरह से फिट हो गया और 8 मई को स्वयं अपने पैरों पर खड़े हो कर सात फेरे लेते हुए परिणय सूत्र में बंध गया। पिता मोहन लाल मौर्या ने खुशी-खुशी आभार प्रकट करते हुए कहा कि हम बहुत आभारी हैं रायगढ़ आर्थो एण्ड जनरल हॉस्पिटल एवं वहां के आर्थो स्पेशलिस्ट डॉक्टर अहर्निश अग्रवाल जी और राजू अग्रवाल जी के जिन्होंने बहुत कम समय में हमारे बेटे का इलाज कर फिर से चलने लायक बना दिया जिससे उसकी शादी समय पर हो सकी । हमारा पूरा परिवार बहुत खुश है। इस चमत्कार के लिए हमारा पूरा परिवार डॉ. अहर्निश एवं रायगढ़ आर्थो एंड जनरल हॉस्पिटल के पूरे स्टाफ को धन्यवाद प्रेषित करता है ।

बात तह तक की करें तो बड़े-बुजर्गों की ये नसीहत कि लग्न तिथि तय हो जाने के बाद वर हो या कन्या, उसे घर से बाहर कदम नहीं रखना चाहिए कोई गलत नहीं होता, लेकिन आज की नयी पीढ़ी इन सब बातों पर भला कहाँ विश्वास करती है, यदि करती तो ऐसी अनहोनियों और मुसीबतों से काफी हद तक बचा जा सकता है।