
💥आधी रात को रायपुर-बलौदाबाजार हाईवे पर मौत का तांडव।
💥माजदा ट्रक में 50 से अधिक लोग थे सवार, छठी कार्यक्रम से वापसी के दौरान हुई घटना।
💥मृतकों में 9 महिलाओं समेत एक छः माह का शिशु भी शामिल।
तहतक न्यूज/रायपुर, छत्तीसगढ़।
दुर्घटनाओं से बचने के लिए यातायात पुलिस जितनी भी कोशिश करती है उससे कहीं अधिक दुर्घटना का विकराल रूप देखने को मिल रहा है। आये दिन एक से बढ़ कर एक खतरनाक और वीभत्स सड़क हादसे हो रहे हैं, ऐसा लगता है जैसे यातायात पुलिस और दुर्घटना के बीच कोई प्रतिस्पर्धा चल रही हो। छत्तीसगढ़ की राजधानी से लगे रायपुर-बलौदाबाजार मुख्य मार्ग पर बीते रविवार आधी रात लगभग 12.15 बजे स्वराज माजदा ट्रक और ट्रेलर में जोरदार टक्कर हो गयी, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ग्राम चटौद निवासी पुनीत साहू का परिवार और अन्य ग्रामीण एक स्वराज माजदा वाहन से छठी कार्यक्रम में शामिल होकर वापस लौट रहे थे, तभी सारागांव के समीप विपरीत दिशा से आ रहे तेज रफ्तार ट्रेलर से टक्कर हो गयी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि माजदा में सवार कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी और कई घायल हो गये। मृतकों में 9 महिलाओं समेत एक छह माह का एक शिशु भी शामिल है। बताया जा रहा है कि हादसे के समय माजदा ट्रक में 50 से अधिक लोग सवार थे। आहतों को पुलिस और ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया और तत्काल खरोरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और रायपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
यातायात पुलिस की इतनी सख्ती के बावजूद भी सड़क दुर्घटनाओं का बढ़ता ग्राफ सवालों के कटघरे में है। लगातार हो रहे इन हादसों के पीछे तहतक जा कर देखें तो जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वह बेहद चिंतनीय है। अधिकतर देखा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसी कार्यक्रम या समारोह में जाना हो तो लोग माल वाहक वाहनों जैसे पिकअप, ट्रेक्टर या छोटे ट्रक को बुक करते हैं क्योंकि ये सस्ता पड़ता है और ज्यादा से ज्यादा लोग आते हैं। वाहन मालिक भी लालच में आकर यातायात नियमों की परवाह नहीं करते। कहीं चेकिंग चल रही होती है तो वहाँ भी भेंट अर्पित कर निकल लेते हैं।
आपने देखा होगा कि अब तक की ऐसी दुर्घटनाओं में खासकर पिकअप पलटने की घटना वापसी में ही ज्यादा हुई है। जाते समय गन्तव्य तक लोग आराम से सुरक्षित पहुँच जाते हैं लेकिन वापसी में ही पिकअप असंतुलित हो कर दुर्घटनाग्रस्त क्यों हो जाती है? यह भी एक बड़ा सवाल है। एक नहीं, दो नहीं अनेकों हादसे हुए हैं और हो रहे हैं, फिर भी लोग हैं कि मानते ही नहीं, आखिर कौन है जिम्मेदार?