
💥शिवा उद्योग के फर्नेस में भयंकर विस्फोट, एक श्रमिक की मौत।
💥लगातार हो रहे हैं ऐसे हादसे, सुरक्षा व्यवस्था में उद्योगों की घोर लापरवाही।
💥घटना जब घटती है तभी होती है जाँच, बाकि सब वही ढाक के तीन पात।
तहतक न्यूज/रायगढ़, छत्तीसगढ़।
जिले के औद्योगिक क्षेत्र पूँजीपथरा में स्थापित कई उद्योगों में सुरक्षा मानकों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाते हुए गरीब मजदूरों की बलि चढ़ाई जा रही है। बीते मंगलवार शिवा उद्योग के फर्नेस में ब्लास्ट होने से वहां कार्यरत एक श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गया था, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूंजीपथरा थाना क्षेत्र में स्थित मां शिवा उद्योग में मंगलवार को दोपहर में काम चल रहा था, जहाँ फर्नेस अचानक ब्लास्ट हो गया, आवाज सुनकर वहां आसपास काम कर रहे कर्मचारी मौके पर पहुँचे तो देखा एक श्रमिक गंभीर रूप से झुलसा पड़ा था, उपचार के लिए उसे तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृतक झारखंड के ग्राम जतरा निवासी उपेंद्र भारती (28 वर्ष) है, जोकि कई साल से पूंजीपथरा में रहकर मां शिवा प्लांट में काम करता था। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो अन्य श्रमिकों के साथ वह फर्नेस के पास काम कर रहा था। दोपहर एक बजे अन्य श्रमिक लंच पर चले गये और वह अकेला ही वहाँ मौजूद था, ठीक इसी समय फर्नेस में अचानक विस्फोट हुआ और आग की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आसपास के श्रमिक भी दहशत में आ गये।
उद्योगों में लगातार हो रहे ऐसे हादसों से गंभीर सवाल उठ रहे हैं। घटना के पीछे तह तक जाकर देखें तो वास्तव में सुरक्षा मानकों के पालन में उद्योगों द्वारा घोर लापरवाही की बात सामने आ रही है। श्रमिकों से बिना सुरक्षा उपकरण के काम करवाये जाते हैं। श्रमिक यहाँ भगवान भरोसे काम करते हैं। बड़ी घटना हो जाती है तो रातोंरात रिकार्ड गायब हो जाते हैं। सबूत के तौर पर श्रमिकों व उनके परिजनों के पास कुछ भी दस्तावेज नहीं रहता जिससे उद्योग प्रबंधन क्षतिपूर्ति देने से साफ बच जाते हैं।
बेरोजगारी की मार झेल रहा श्रमिक न तो नियुक्तिपत्र मांगने की हिम्मत करता है और न ही शोषण के खिलाफ आवाज उठा पाता है। यही वजह है कि श्रमिक यहाँ गुलामों की जिंदगी जीने को विवश हैं क्योंकि पापी पेट का सवाल है।