तहतक न्यूज/कोंडागांव।
धरतीपुत्र “किसान” जिन्हें अन्नदाता की उपमा दी जाती है लेकिन वही अन्नदाता हमेशा से ठगी का शिकार होता आया है। कभी मौसम की मार तो कभी सूखे की मार, कभी कीट-पतंगों की महामारी तो कभी फसलों के कम दाम, कुल मिलाकर किसानों को कभी शत-प्रतिशत लाभ न के बराबर ही मिलता है फिर भी संतोषी किसान के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिल ही जाती है, लेकिन यह दर्द भरा मुस्कान भी कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है और चंद रुपयों की खातिर किसानों से ठगी कर उनके फसलों को बर्बाद करने पर तूले हैं।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कोण्डागांव जिले के माकड़ी तहसील के रांधना में शंकर कृषि केंद्र द्वारा अमानक धान बीज बेचे जाने के खिलाफ किसानों ने कार्रवाई की मांग की है। पूर्व मंत्री मोहन मरकाम के नेतृत्व में किसानों ने कलेक्टर कुणाल दुदावत को ज्ञापन सौंपा है। किसानों का आरोप है कि अमानक बीज के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा।
कलेक्टर दुदावत ने किसानों को आश्वस्त किया कि संबंधित कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और कंपनी की अमानत राशि से किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि भविष्य में किसानों के साथ धोखाधड़ी न हो, इसके लिए दुकानदार पर भी कार्रवाई की जाए। उन्होंने किसानों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। इस घटना से किसानों में काफी आक्रोश है और वे दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
मामले के तहतक जाकर देखें तो आजकल कई नई-नई कम्पनियाँ बाजार में आ गयीं हैं जो बीज विक्रेताओं को आकर्षक प्रलोभन दे कर अमानक बीज, खाद और अन्य कृषि सामग्री उपलब्ध करवा कर महँगे दामों में किसानों को बेच रहे हैं। कंपनियों के झूठे दावे और आकर्षक विज्ञापन के चक्कर में पड़ कर कृषक स्वयं को ठगा महसूस कर रहा है। कृषि विभाग को इसे स्वतः अपने संज्ञान में लेकर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए ताकि किसानों के साथ धोखाधड़ी न हो।
फिलहाल किसानों ने शिकायत कर मुआवजे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की माँग की है और जिला कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लिया है अब देखना यह है कि पीड़ित किसानों को कब तक न्याय मिल पाता है?