
💥जिला शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में एसीबी की बड़ी कार्यवाही…रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ बाबू
💥पचास हजार की रकम के साथ बाबू पकड़ाया रंगे हाथ
💥सूची को मुख्यालय भेजने के एवज में मांगी थी एक लाख की राशि
💥अन्य दफ्तरों में मचा हड़कंप… घूसखोरों में दहशत का माहौल
तहतक न्यूज/शनिवार/26अक्टूबर 2024/सारंगढ़-बिलाईगढ़।
जिले के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ इस कदर फैल गयी है कि इसकी पिंगें अब जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में निकलने लगीं हैं। बिना रिश्वत के कोई भी शासकीय कार्य नहीं हो रहा है। इधर भले ही सरकार भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन की बात कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
मीडिया सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते दिनों जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पदस्थ एक बाबू को एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। पकड़े गये बाबू का नाम अरुण दुबे बताया जा रहा है जो एक लाख रूपये रकम की पहली किश्त 50,000 रु. ले रहा था।

निजी विद्यालय संघ के अध्यक्ष चक्रधर पटेल ने बिलासपुर स्थित एसीबी कार्यालय में शिकायत दर्ज करायी थी। मामला शिक्षा के अधिकार के तहत होने वाले एडमिशन से जुड़ा है, जिन बच्चों का एडमिशन आर.टी.ई. से होता है उनका लिस्ट जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से होकर रायपुर मुख्यालय जाता है। शासन मूल्यांकन कर राशि जारी करता है। इस लिस्ट को आगे भेजने के लिए बाबू एक लाख की माँग कर रहा था, नहीं दिये जाने पर लटकने की भी बात कहता था। बाबू की इस माँग से चक्रधर पटेल परेशान हो गया था और अंत में उसने इस नाजायज माँग की शिकायत एसीबी से कर दी। एसीबी ने केमिकल लगे 50,000 रु. के नोट चक्रधर पटेल को देकर भेजा जिसे बाबू अरुण दुबे ने जैसे ही अपने हाथ में लिया, इशारा पाते ही एसीबी की टीम मौके पर तत्काल पहुँच वीडियोग्राफी के साथ हाथ धुलवाया और उसे रंगे हाथों पकड़ पंचनामे के बाद गिरफ्तार कर लिया।

बहरहाल एसीबी की इस कार्यवाही से दूसरे दफ्तरों में भी हड़कंप मच गया है और अब आम जनों की उम्मीदें भी बढ़ी हैं। इस तरह की कार्यवाही सतत जारी रहे तो निश्चित ही भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसा जा सकता है।
