
तहतक न्यूज/सोमवार/14अक्टूबर 2024/रायगढ़। पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर केवल चिकनी-चुपड़ी बातें सार्वजनिक मंचों में लच्छेदार भाषणों में सुनने को मिलती है लेकिन जमीनी हकीकत में पत्रकारों के साथ गाली-गलौच, धमकियाँ, मारपीट और झूठे एफआईआर की घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कानून भी पत्रकारों के हित और सुरक्षा की बात करता है परन्तु नतीजा वही ढाक के तीन पात।
आपको बता दें कि पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू करवाने अभी हाल ही में प्रदेश के समस्त पत्रकारों ने 02 अक्टूबर गाँधी जयंती के दिन राजधानी रायपुर में एक विशाल महासभा का आयोजन किया था जिसमें हजारों की संख्या में शामिल होकर पत्रकारों ने अपनी एकता का परिचय देते हुए अपने अधिकार व उचित मांगों को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था। जनहित के लिए काम करने वाले पत्रकारों को वर्तमान व्यवस्था में सुरक्षा का सर्वथा अभाव है। पत्रकारों को लगातार असामाजिक ताकतों, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों के हमलों का सामना करना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में रेत, पत्थर, शराब और रियल एस्टेट माफियाओं द्वारा लगातार पत्रकारों को डराया धमकाया जाता रहा है, वहीं राज्य में अनेक पत्रकारों की हत्या भी हुई है। पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाने की पत्रकार संघों की अपील को केंद्र और राज्य सरकारे अनसुना कर रही हैं।
उपरोक्त समस्याओं के मद्देनजर आज पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार यादव के दिशानिर्देशन में प्रदेश के सभी जिलों में जिला कलेक्टरों को पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ द्वारा उनके अधिकार और सुरक्षा कानून लागू करवाने की कार्यवाही हेतु मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इसी तारतम्य में जिला इकाई रायगढ़ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने भी जिलाधीश की सीएम दौरे में व्यस्तता के कारण डिप्टी कलेक्टर धनंजय मरकाम को ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर जिला संरक्षक मनीष सिंह व विधिक सलाहकार संजय कुमार दास सहित सुनील नामदेव, प्रशांत कुमार गुप्ता, कैलाश आचार्य, सुशील सिंह, रितिक श्रीवास तथा अन्य पत्रकार मौजूद रहे।
