💥रामार्चन महायज्ञ में शामिल होने तपकरा पहुँचीं श्रीमती साय
💥धर्मान्तरण रोकने दिये सटीक सुझाव, कहा असहाय व जरुरत मंदों की करें निःस्वार्थ मदद।
💥गौरक्षा के लिए खुद लेनी होगी जिम्मेदारी तभी सुरक्षित रहेंगी गौ माताएँ और हिंदुत्व।
💥असहाय और जरुरतमंद लोगों की सहायता कर शातिर हो जाते हैं कामयाब…?
तहतक न्यूज/शनिवार/31अगस्त 2024/तपकरा.
कोई भी घटना हम देखते सुनते हैं या अखबारों में पढ़ते हैं, तो उस घटना के पीछे कुछ न कुछ कारण जरूर होता है। हम बात कर रहे हैं धर्मान्तरण के विषय में जिसमें अपना धर्म परिवर्तन करने वाले अक्सर गरीब,असहाय और जरूरतमंद लोग ही होते हैं जो बुरे वक्त में किसी का सहयोग पाकर बदले में उसी का कहा मानते हैं और अपना धर्म बदल लेते हैं। धर्मांतरण को लेकर सूबे के मुखिया विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय ने एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण और अनुकरणीय बात कही है।
तपकरा में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम रामार्चन महायज्ञ में शामिल होने आयीं श्रीमती कौशल्या साय ने कथा सुनने आये श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि धर्मांतरण रोकने से पहले हमें धर्मांतरण के कारणों पर विचार करने की जरूरत है। बिना किसी भेदभाव के जिस दिन हम जरुरतमन्दों और असहायों की सहायता करने आगे आ जायेंगे उस दिन से धर्मान्तरण रुक जायगा।
धर्मांतरण का कारण यही है कि हम गरीबों और असहाय लोगों की सहायता करने से मुँह चुरा लेते हैं और शातिर लोग उनकी मदद करके उनका दिल जीत लेते हैं, इसलिए अगर धर्मांतरण को रोकना है तो सबसे पहले हमे जरूरतमंदों और असहायों को बगैर भेद भाव और निःस्वार्थ भाव से मदद करने आगे आना होगा। धर्मांतरण का सबसे बड़ा कारण यही है ।
श्रीमती साय ने अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि मैं हिन्दू आदिवासी महिला हूँ। इस नाते लोगों से गौरक्षा की अपील करती हूँ। गौमाता की रक्षा के लिए हमारी साय सरकार बहुत अच्छा कार्य कर रही है ।गौ अभ्यारण्य बनाया जा रहा है लेकिन सरकार से ज्यादा हमे खुद से गौ रक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या से प्रभु रामलला के प्रमुख पुजारी सत्यनारायण दास महाराज जी रामार्चन महायज्ञ में रामकथा सुनाने तपकरा पधारे हुए हैं। कथा के अंत में श्रीमती कौशल्या साय ने कथाव्यास सत्यनारायण दास महाराज तथा श्रवणपान करने आये भक्त जनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि केवल नारा लगाने से न तो गौरक्षा होगी और न ही धर्मांतरण बन्द होगा। इन दोनों मुद्दों पर सरकार बेहतर कार्य कर ही रही है लेकिन हम सबको भी आगे आना होगा और बढ़ चढ़ कर इनके लिए काम करना होगा तभी गौ माताएँ सुरक्षित रहेंगी और हिंदुत्व भी।
इस सकारात्मक खबर की तह तक की गहराई में जाकर देखें तो साय सरकार तो अपना कार्य कर ही रही है साथ ही साथ श्रीमती कौशल्या साय भी अपना फर्ज और कर्तव्य बखूबी निभा रही हैं। आम जनता के बीच धर्मान्तरण और गौरक्षा पर उनके विचार और सुझाव की अभिव्यक्ति अनुकरणीय और सराहनीय है। बहरहाल श्रीमती साय के सकारात्मक सन्देश को लोगों ने बड़े ही ध्यानपूर्वक सुना व समझा और अब उनके मन में एक आशा भी जगी कि असफल गौठानों की जगह अब नये गौ अभ्यारण्यों में गौवंश सुरक्षित रहेंगे।