
तहतक न्यूज/लैलूंगा।
वर्तमान समय में भ्रष्टाचार इस कदर हावी हो गया है कि यह अब आश्रमों को भी दीमक और घुन की तरह घुस कर चट करने लगा है। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तथाकथित आचार्य अंशुदेव के द्वारा छत्तीसगढ़ प्रान्तीय आर्य प्रतिनिधि सभा में प्रधान पद पर रहते हुए सभा के धन का प्रचुर मात्रा में दुरुपयोग तथा हेराफेरी किया गया है । लाखों रुपये का सभा को हिसाब नहीं दिया गया, जिसके कारण छत्तीसगढ़ प्रान्तीय प्रतिनिधि सभा की साधारण सभा ने 18 अप्रैल 2022 की नैमित्तिक साधारण सभा में अंशुदेव को प्रधान पद से हटा दिया गया है तथा आजीवन छत्तीसगढ़ प्रान्तीय आर्य प्रतिनिधि सभा एवं आर्य समाज के प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है।
अंशुदेव की स्थिति खिसियानी बिल्ली की तरह हो गई है । अंशुदेव, पंकज व राधे पटेल को मोहरा बनाकर अनुसूचित जाति अनुसूचित जन जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक विकास मंत्री रामविचार नेताम को शिकायत किया है कि राधे पटेल और पंकज द्वारा लैलूंगा तहसीलदार को अपने धन बल के प्रभाव में लेकर कर जाँच के बिंदु से हटकर वृक्षारोपण जैसे पवित्र कार्य में लगे तार के घेराव को अवैध निर्माण बताकर तोड़फोड़ किया गया है, जो कि यह अवैध निर्माण नहीं है, अपितु सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के उद्देश्य से वृक्षारोपण किया गया है, जबकि उपरोक्त भूमि बेवा मलीबाई और चंद्रशेखर भोय की काबिज भूमि है जिस पर वृक्षारोपण किया गया है। इस तरह दिग्भ्रमित करते हुए गुरूकुल आश्रम सलखिया के अध्यक्ष की छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है ।
गुरुकुल आश्रम सलखिया के अध्यक्ष जोगीराम आर्य ने विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि अंशुदेव सभा से भागते समय सभा का रजिस्टर, कम्प्युटर सभा की गाड़ी आदि को लेकर चला गया है, अंशुदेव के विरुद्ध चोरी, संस्था के धन का दुरुपयोग, गबन करना आदि मामलों में 403/406 एवं 418 की धारा अपराध पंजीबद्ध किया गया है परन्तु अंशुदेव जमानत पर खुलेआम घूम रहा है। अंशुदेव तुलाराम आर्य कन्या विद्यालय के नाम से सभा के लाखों रुपये को गबन कर अपने घर, चार पहिया वाहन खरीदने आदि में धन का उपयोग किया है और तुलाराम आर्य कन्या विद्यालय गोहड़ीडीपा ( राजपुर ) की भूमि पर जबरन कब्जा कर रखा है, जिसकी शिकायत तहसीलदार लैलूंगा के समक्ष अंशुदेव के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है । तुलाराम आर्य कन्या विद्यालय गोहड़ीडीपा ( राजपुर ) की कृषि योग्य भूमि पर अंशुदेव के हाथ से करोबार किया जा रहा है, जबकि अंशुदेव इन सबका जिम्मेदार जोगीराम आर्य एवं दिलीप आर्य को मानता है।