
💥प्रधानमंत्री ग्राम सड़कों का बुरा हाल, ग्रामीण जन-जीवन अस्त-व्यस्त।
💥जर्जर सड़क, जहरीले प्रदूषण, दुर्घटनाएँ और बिमारियों से जूझ रही ग्रामीण जनता।
💥मतदाताओं के हमदर्द नेता विधायक मुसीबत व जरुरत के समय रहते हैं नदारद !
तहतक न्यूज/चिराईपानी :- बीते 18 जुलाई को ग्राम पंचायत लाखा के आश्रित ग्राम चिराईपानी में जिला प्रशासन और पूँजीपथरा पुलिस द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण के लिए जन-चौपाल लगाया गया था जिसमें मुख्य रूप से जर्जर सड़क को लेकर ग्राम वासियों ने उसे बनवाने की मांग रखी थी। जन-चौपाल में सड़क से सम्बंधित उद्योग ओम श्री रुपेश, वजरान, रीयल वायर और सुनील इस्पात के प्रतिनिधि उपस्थित थे। नायब तहसीलदार तृप्ती चंद्राकर तथा थाना प्रभारी राकेश कुमार मिश्रा व ग्रामवासियों के समक्ष जर्जर सड़क को एक सप्ताह के भीतर ठोस मरम्मत कराने के लिए सभी प्रतिनिधियों ने हामी भरी थी किन्तु आज पाँच दिन गुजर जाने के बाद भी कहीं कोई मरम्मत की शुरुआत नहीं हुई। कंपनी प्रबंधनों के गैर जिम्मेदाराना और अड़ियल रवैये से नाराज युवाओं ने कंपनियों के ट्रकों की आवा-जाही पर रोक लगा दी।

दोपहर से सभी सम्बंधित उद्योगों से युवकों द्वारा मोबाईल से सम्पर्क किया जाता रहा परन्तु टाल-मटोल और बहाने बाजी का सिलसिला शाम छः बजे तक चलता रहा। आक्रोशित युवाओं द्वारा सड़क पर बैठने के बाद आखिरकार उन्हें झुकना पड़ा और मौके पर पहुँच कर सड़क मरम्मत के लिए ग्राम के युवकों को ही जिम्मा सौंपते हुए आर्थिक सहयोग करने की बात कही। पहले तो लड़के सहमत हो गये फिर आपसी विचार-विमर्श के बाद अब लड़कों का कहना है कि मरम्मत का कार्य स्वयं प्लांट वाले करवाएं और बारिश के बाद सीसी रोड बनवाने का लिखित आश्वासन दें।

बहरहाल इस सड़क पर आम ग्रामीणों ने आना-जाना बन्द कर दिया है और खतरनाक हाईवे रोड से लम्बी दूरी तय कर आना-जाना कर रहे हैं जिससे उनके मन में हमेशा दुर्घटना का भय बना रहता है। ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि “जन-चौपाल” जैसे अहम् कार्यक्रम सफलता के सोपानों को तय कर पाने में सफल हो पाता है या फिर महज दिखावा बन कर किताब के पन्नों में छप कर रह जायेगा…?