
💥दिखता बाहर से है खूबसूरत मगर, अंदर से बदसूरत..!
💥उखड़े प्लास्टर और टपकते पानी में बैठने को मजबूर हैं विद्यार्थी..!
💥बारम्बार सूचना के बाद भी अनदेखी कर रहे जिम्मेदार..!
तहतक न्यूज/पुसौर। आज मानव समाज के लिए बेहतरीन शिक्षा कितना आवश्यक है यह बताने की जरुरत नहीं है। जागरूकता इतनी बढ़ गयी है कि देहातों में भी लोग अपने बच्चों को हिन्दी के अलावा अंग्रेजी की शिक्षा देना अनिवार्य समझते हैं। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ राज्य में स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के विद्यार्थियों की संख्या में दिनों-दिन बढ़ोत्तरी हो रही है लेकिन, कई विद्यालयों में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसका जीता-जागता प्रमाण पुसौर विकासखंड के ग्राम कोड़ातराई स्थित विद्यालय की है जहाँ सैकड़ों विद्यार्थी अध्ययन करने प्रतिदिन आते हैं। विद्यालय में कमरों के अभाव में दो पाली में बच्चों का क्लास लिया जाता है। भवन विहीन होने के साथ जर्जर कमरों में बच्चों को बिठाया जाता है। बरसात सिर पर है और कमरों की हालात दयनीय स्थिति में है। छतों के प्लास्टर गिर जाने से बारिश के समय पानी टपकने लगता है जिससे बच्चों को बैठने में दिक्कतें हो रही हैं।

अनुमान लगाया जा सकता है कि आकस्मिक घटना-दुर्घटना जैसे भय के वातावरण में विद्यार्थी अध्ययन करने को कितना विवश हैं। भगवान भरोसे चल रहे इस विद्यालय की चरमराई व्यवस्था की सुध लेने वाला कोई जवाबदार अधिकारी या कर्मचारी नजर नहीं आ रहा है।शासन प्रशासन को बार बार आवेदन-निवेदन करने के बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ये कैसी विडंबना है कि जहाँ एक तरफ रायगढ़ में 40 करोड़ से अधिक की लागत से नालंदा परिसर पूर्ण सुविधा युक्त हाईटेक लाइब्रेरी की स्थापना होने जा रही है तो वहीं कोड़ातराई का स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बदहाली के कगार पर खड़ा आँसू बहाता नजर आ रहा है। अभिभावकों की मानें तो शिक्षा विभाग की इस अनदेखी पर वे काफी आक्रोशित हैं तथा विद्यालय के जर्जर कमरों का सुधार जल्द से जल्द नहीं किये जाने पर वे उग्र आंदोलन के लिए कभी भी सड़क पर उतरने को विवश होंगे।

उपरोक्त हकीकत की तहकीकात में तह तक जाकर देखें तो मानस पटल पर जो तस्वीर उभर कर सामने आ रही है उससे यही प्रतीत होता है कि शिक्षा को लेकर जितना बढ़ावा दिया जा रहा है, शाला प्रवेशोत्सव मनाये जा रहे हैं, अनेकों योजनाएं बन रही हैं वह धरातल पर आते-आते कहीं न कहीं कमजोर पड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में शिक्षा को उच्च से उच्चतम स्तर तक ले जाने को प्रयासरत रायगढ़ विधायक एवं मंत्री ओपी चौधरी के मंसूबों पर कहीं न कहीं पानी फिरता नजर आ रहा है।