
तहतक न्यूज/रायगढ़। खतरनाक प्रदूषण के काले घूँघराले बादलों से आच्छादित, फ्लाई ऐश के पाउडर से पुते रायगढ़ जिले की जो बदसूरत तस्वीर दिखाई दे रही है वह रामायण कालीन सूरसा राक्षसी से कम नहीं है। पर्यावरण संरक्षण के लिए कोई कितना भी जतन कर ले, प्रदूषण रूपी सूरसा का मुख दिनोंदिन बढ़ता ही चला जा रहा है बावजूद इसके उद्योगों का विस्तार और स्थापना निरंतर जारी है। हाल ही में कई पर्यावरणीय जनसुनवाईयाँ हुई हैं और कल 12 जुलाई को भी अडानी पॉवर लि. के क्षमता विस्तार की जनसुनवाई होनी है। वर्तमान में स्थापित 600 MW के अलावा और 800+800 MW उत्पादन क्षमता बढ़ने से क्षेत्र में और कितना प्रदूषण बढ़ जायेगा किसी से छिपा नहीं है। वैसे भी ग्लोबल वार्मिंग से धरती का तापमान 50 डिग्री के करीब पहुँच रहा है। शुद्ध पर्यावरण की हर किसी को आवश्यकता है लेकिन, धन-कुबेरों को धन के अलावा और कुछ दिखता ही नहीं। भविष्य में उनकी आने वाली पीढ़ी को भले ही क्यों न ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चलनी पड़े, ये प्रदूषण बढ़ाने का कार्य नहीं छोड़ेंगे।
💥पैसा फेंक तमाशा देख :-
भ्रष्टाचार के जमाने में धनबलियों के आगे किसी की नहीं चलती। जिसके पास पैसा है वह कुछ भी मनमानी कर सकता है। ऐसे में उद्योग प्रबंधन भला कैसे पीछे रह सकता है। क्षेत्र वासियों और जन प्रतिनिधियों से मान-मनौव्वल को लेकर लगातार बैठकें चल रही हैं और समर्थन की बोलियाँ लगाई जा रही हैं। गाँवों में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनके सामने चंद हरे-हरे नोटों के चमक के आगे धरती के हरे-भरे रंग की कोई अहमियत नहीं।

💥पैसे लेकर हो रही विस्तार की जनसुनवाई :-
जिले में बढ़ते प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार शुक्ला का कहना है कि पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे प्रदूषित शहर है तो वो है रायगढ़ शहर। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा यहाँ उद्योगों को बेतरतीब तरीके से लगाया गया है। प्रदूषण को लेकर जो नियमावली है उसका पालन कोई नहीं कर रहा है। पता नहीं किसके दबाव में पर्यावरण कार्यालय मौन है। रायगढ़ वासियों के स्वास्थ्य के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है। चुंकि औद्योगिक क्षेत्र है गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा है फिर भी बिना देखे सरकार पैसे लेकर उनका विस्तार करा रही है।

💥मेरा पूर्ण विरोध :-
दबंग आदिवासी नेता और पूर्व विधायक हृदय राम राठिया ने अडानी पॉवर लि. का पुरजोर विरोध करते हुए कहा है कि और जनसुनवाई का होना यह गलत बात है, जिले में प्रदूषण सीमा से पार जा चूका है। पिछले सालों की तुलना में तापमान भी बहुत बढ़ गया है। ऐसे में अब और विस्तार या स्थापना नहीं होना चाहिए। मैं ऐसी जनसुनवाई का घोर विरोधी हूँ।

💥उद्योगों के विस्तार से मानव जीवन को खतरा :-
जिस तरह से जिले में उद्योगों के विस्तार के लिए जनसुनवाई किया जा रहा है वह निश्चित ही रायगढ़ वासियों के जीवन में जहर घोलने से कम नहीं है। यह कथन है आदिवासी नेत्री मनीषा गोंड का, इनका कहना है कि जिस प्रकार से दिनोंदिन तापमान 48 डिग्री के पार हो रहा है, लोगों का जीना मुश्किल होते जा रहा है। जनसुनवाई को सफल बनाने बड़े-बड़े झूठे वादे कर फर्जी EIA रिपोर्ट तैयार कर अपना काम निकाल लिया जाता है। लाखों पेड़ों की बलि चढ़ा दी जाती है लेकिन पर्यावरण विभाग और जिले के उच्चाधिकारियों के कानों में जूँ तक नहीं रेंगती। आये दिन हो रहे हादसों में बेकसूरों की अकाल मौतें हो रही हैं आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ?