✳️सालों से सूखे पेड़ को चट कर रहे घुन और दीमक!
✳️बीच में विद्युत तारों का मकड़ जाल और नीचे वाहनों की रेलमपेल।
✳️चुप्पी साधे हैं नेता मंत्री और एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे सम्बंधित विभाग।
✍🏻तहतक न्यूज/रायगढ़। कहते हैं जब मौत आती है तो दबे पाँव आती है, किसी को आभास तक नहीं होता और वो अपना काम कर जाती है लेकिन, जब वो सामने साक्षात् खड़ी हो और सब देख रहे हों उसके बावजूद भी कोई बचने का उपाय न करें तो उसे क्या कहेंगे..? अनदेखी..? लापरवाही..? या फिर कयामत का इंतजार..?
हद तो तब हो जाती है जब सूचना पाकर भी जिम्मेदार अफसर कुम्भकर्णी नींद में गाफिल हैं और किसी बड़ी अनहोनी या मौत के उस भयानक मंजर को देखने व दिखाने का इंतजार कर रहे हैं। यदि वक्त रहते इस मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए कोई प्रयास नहीं किये गये तो कभी भी यहाँ मौत अपना तांडव कर सकती है।
तो आइये आपको ले चलते हैं जिले के सबसे व्यस्ततम राज मार्ग पर जहाँ बीच सड़क पर सीना ताने खड़ा मौत का दानव अट्टाहास कर रहा है। बात कर रहे हैं रायगढ़-घरघोड़ा मुख्य मार्ग में स्थित ग्रामपंचायत गेरवानी की जहाँ मुख्य सड़क से लगे दो बड़े पेड़ सूख कर जर्जर हो चुके हैं। सालों से सूखे पड़े इन पेड़ों में घुन और दीमक लग जाने से अब ये गिरने के कगार पर हैं। 25/30 फीट ऊँचे ये दोनों सूखे ठूँठ सड़क से लगे हुए हैं। इनके बगल से उच्च दाब और निम्न दाब के कई विद्युत तार गुजरे हैं अगर, ये खोखले तने इनके ऊपर गिरते हैं तो यहाँ की स्थिति कितनी भयावह होगी? इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि यहाँ से चौबीसों घंटे हजारों की संख्या में वाहन गुजरते रहते हैं।
💥सूचना के बावजूद भी कोई ध्यान नहीं :-
ग्राम सरपंच द्वारा कई बार स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया गया है, दो बार ग्राम सुराज में भी आवेदन दिया लेकिन आज तक इस गंभीर समस्या का निदान नहीं किया गया। इन सूखे पेड़ों के इर्दगिर्द कई मकान हैं जिसमें लोग परिवार सहित रहते हैं और इन्हें इन पेड़ों के गिरने का भय हमेशा बना रहता है।
💥कौन है जिम्मेदार..?
जर्जर सूखे पेड़ों को कौन हटाएगा..? सवालों के कटघरे में तीनों विभाग हैं वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और विद्युत विभाग लेकिन, सभी विभाग अपनी नैतिक जिम्मेदारी से भागते नजर आ रहे हैं। कोई अपना कर्तव्य नहीं निभा रहा। एक दूसरे के ऊपर जवाबदारी थोप हाथ खड़े कर देते हैं।
💥देख कर भी, हैं अनजान :-
शायद ही ऐसा कोई व्हीआईपी होगा जो यहाँ से न गुजरा हो। अधिकारी, नेता, मंत्री, क्षेत्रीय विधायक जैसे बड़े लोगों का आना-जाना हमेशा लगा रहता है परन्तु एयरकूल्ड लकजरी वाहन से बाहर देखने की इनको फुर्सत ही कहाँ मिलती है।
✳️ सबसे खतरनाक और गंभीर इस समस्या की तहतक जाकर देखें तो हकीकत में जो तस्वीर उभर कर सामने आ रही है उससे यही लगता है कि जब कभी भी यह पेड़ गिरेगा तो मकानों को अपनी चपेट में लेगा या फिर सड़क की ओर गिरेगा तो बिजली के हाई टेंशन तारों को तोड़ते हुए गुजर रहे वाहनों पर गिरेगा और जब विद्युत प्रवाहित तार गिरेगा तो अंजाम क्या होगा..? बताने की जरुरत नहीं है।
हादसे का इंतजार करने के बजाय तीनों विभाग समय रहते अपने संज्ञान में लेकर इसे तत्काल हटाने की कार्यवाही करें तो कई बेगुनाहों को काल के गाल में समाने से बचाया जा सकता है।