
✍🏻ग्रामीणों ने बैठक कर किया ऐलान।
✍🏻जनसुनवाई में महिलाएं भी जमकर दहाड़ेंगी!
✍🏻रायगढ़ इस्पात की जनसुनवाई और प्रदूषण को लेकर ग्रामीणों के माथे पर उभर रहीं चिंता की लकीरें..?
(प्रशांत कुमार गुप्ता की कलम से)
तहतक न्यूज/शिवपुरी। पूँजीपथरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत गेरवानी के आश्रित ग्राम शिवपुरी में आगामी कुछ ही दिनों में रायगढ़ इस्पात के एक और नये इकाई की स्थापना को लेकर जनसुनवाई होने जा रही है। इस क्षेत्र में प्रदूषण से त्रस्त शिवपुरी के ग्रामीण पूरजोर विरोध कर रहे हैं। अभी हाल ही में ग्रामीणों ने जनसुनवाई रद्द करने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर रायगढ़ को ज्ञापन भी सौंपा है। आपको बता दें कि यह हरे-भरे घने जंगलों के बीच बसा कृषि प्रधान आदिवासी बहुल गाँव है जहाँ लोग प्राचीन काल से खेती-किसानी कर जीवन-यापन करते चले आ रहे हैं लेकिन, वर्तमान समय में गाँव के आसपास कई लौह-उद्योग स्थापित हैं जिससे यहाँ का वातावरण बुरी तरह से प्रदूषण की चपेट में है। खतरनाक प्रदूषण से यहाँ के वनोपज (चार, तेंदू, हर्रा, बहेरा, आँवला, सराई बीज, महुआ )और कृषि उत्पाद जैसे - धान, गेहूँ, दलहन, तिलहन फसलों के अलावा साग-सब्जियों पर भी व्यापक पैमाने पर असर पड़ा है। उत्पादन कम होने से लोगों की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गयी है। खेती कम हो जाने से पशुपालन भी बुरी तरह से प्रभावित है। इस क्षेत्र के गावों के सारे गौवंश सड़कों पर आ गये हैं। ऐसे में एक और उद्योग की स्थापना से जाहिर है कि प्रदूषण और बढ़ेगा।

वास्तव में मैदानी हकीकत की तहतक जाकर देखें तो जो तस्वीरें सामने आ रहीं हैं उससे ग्रामीण बुजुर्गों के माथे पर बल पड़ना स्वाभाविक है। तथाकथित विकास के नाम पर उद्योगों की येन-केन-प्रकारेण स्थापना कर दी जाती है किन्तु स्थानीय लोगों को कंपनियों में कोई सम्मानजनक स्थायी रोजगार नहीं मिलता।

बहरहाल कथित जनता की अदालत अर्थात् जनसुनवाई को सफल कराने उद्योग प्रबंधन और ग्रामवासियों के बीच मान-मनौव्वल को लेकर लगातार बैठकें जारी हैं और बड़े-बुजुर्गों के माथे पर, आने वाले पीढ़ी के अंधकारमय भविष्य को लेकर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं।