
✍🏻भवन है तैयार, चिकित्सक है तैनात, मगर मरीज हो रहे परेशान।
✍🏻इलाज के लिए कोसों दूर शहर जाने को मजबूर।
तहतक न्यूज/गेरवानी। छत्तीसगढ़ सरकार आम जनता के मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अनेकों सुविधाएं दे रखी है। बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं के लिए लाखों-करोड़ों रूपये हर साल खर्च करती है, लेकिन गेरवानी क्षेत्र की जनता जनार्दन को इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। दिखावे के लिए तो यहाँ सबकुछ दिखता है। बैंक, स्कूल, पोस्टऑफिस, पशु औषधालय, सामुदायिक भवन, आंगनवाड़ी, बाजार आदि बहुत कुछ नजर आते हैं परन्तु सवाल उठता है कि स्थानीय जनता को क्या इन सब चीजों का पर्याप्त लाभ मिल रहा है?
चलिए! हम स्वास्थ्य की ही बात करते हैं। यहाँ के लोगों को छोटे-मोटे आम बीमारियों के इलाज के लिए कोसों दूर शहर जाना न पड़े इसके लिए उप स्वास्थ्य केंद्र खोला गया है। चिकित्सक भी तैनात हैं किन्तु भवन के अभाव में नियमित रूप से यह संचालित नहीं हो पा रहा है।
💥भवन बन कर तैयार है मगर…..
जनता की मांग पर लाखों की लागत से बना छः बिस्तरों वाला भवन विधानसभा चुनाव से पूर्व तैयार हो चूका है किन्तु आचारसंहिता के बहाने आज तक हेंडओवर नहीं किया गया। अब तो लोकसभा चुनाव भी संपन्न हो गया और आचारसंहिता भी हट गया फिर भी ठेकेदार और सम्बंधित विभाग कुम्भकर्णी नींद में मशगूल हैं उनके कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रहा।
💥सर्वाधिक प्रदूषण की चपेट में है यह इलाका
गेरवानी के आस-पास सालासर स्टील,सुनील इस्पात, ओम श्री रुपेश स्टील, माँ काली एलायज, एन.आर. इस्पात, रायगढ़ इस्पात, अग्रोहा, शांभवी इस्पात, चंद्रहासिनी, वजरान, अंजनी स्टील, सिंघल, बी.एस.स्पंज व नलवा सहित अनेकों प्लांट स्थापित हैं जिसके कारण यहाँ का जलवायु हमेशा प्रभावित रहता है। ऐसे में चर्मरोग, श्वासरोग, खांसी, सीने में दर्द,आँखों में जलन, सिर दर्द जैसे गंभीर बीमारियों के प्रकोप से इंकार नहीं किया जा सकता।
वास्तव में हकीकत की तहतक में जाकर देखें तो जो सच्चाई सामने आ रही है उससे तो यही प्रतीत होता है कि ग्रामीण क्षेत्र की जनता की समस्याओं को लेकर कोई गंभीर नहीं है। न तो अधिकारियों को अपने कर्तव्यों की चिंता है और न ही जनता का प्रतिनिधि बने नेताओं को और न ही धन कुबेरों को। आज भवन बने छः महीने बीत गये हैं पहल कोई नहीं कर रहा। डॉक्टर और मरीज दोनों भटक रहे हैं।