
तहतक न्यूज/ सारंगढ़-बिलाईगढ़, छत्तीसगढ़।
जिले के कपिस्दा गांव में चूना पत्थर खदान के लिए ग्रीन सस्टेनेबल इनर्जी की 17 नवंबर को प्रस्तावित जनसुनवाई का ग्रामीण पूरजोर विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों ने जनसुनवाई स्थल तक जाने वाले रास्ते पर गौठान के पास जेसीबी से गड्ढा खोद दिया, ताकि अधिकारियों के वाहन वहां न पहुंच सकें।
ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध को देखते हुए गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। ग्रामीण किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को गांव में प्रवेश नहीं देने की बात कह रहे हैं। वहीं, कई ग्रामीण अपने हाथों में लाठी-डंडे लिए हुए हैं। ग्रामीणों की मानें तो वे किसी भी कीमत पर अपने गाँव को बंजर होने के लिए चूना पत्थर खदान नहीं खुलने देंगे। उनका यह भी कहना है कि वे जनसुनवाई भी नहीं होने देंगे। हालांकि, पुलिस-प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद खोदे गए गड्ढे को भर दिया गया, लेकिन ग्रामीणों ने कार्यक्रम स्थल पर टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी।

बता दें कि विगत 13 नवंबर को सारंगढ़-बिलाईगढ़ विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े के नेतृत्व में ग्रामीणों ने इस जनसुनवाई के विरोध में कलेक्ट्रेट का घेराव किया था। उन्होंने कई बिंदुओं पर ज्ञापन सौंपकर जनसुनवाई स्थगित करने की मांग की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारियों ने उनके आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की, जिससे उनमें काफी आक्रोश है।
बात तह तक की करें तो रायगढ़ जिले की कंपनियों और उनके द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण से पूरा छत्तीसगढ़ वाकिफ है। रायगढ़ जिले की आम जनता की आर्तनाद और जनसुनवाईयों के विरोध को देखते हुए पड़ोसी जिले के लोग सतर्क हो गए हैं और वो नहीं चाहते कि उनका इलाका भी कथित विकास की आड़ में रायगढ़ जैसे भयंकर प्रदूषण, सड़क दुर्घटनाओं, गंभीर बीमारी, आपराधिक घटनाओं, नशाखोरी और बेरोजगारी की मार झेले। यही वजह है कि प्रभावित ग्रामीण जनसुनवाई के खिलाफ लामबंद हो गए हैं।
