
तहतक न्यूज/पुसौर-रायगढ़, छत्तीसगढ़।
कभी-कभी लालच में आकर इंसान जानबूझकर ऐसा कुछ कांड कर बैठता है, जिसकी भरपायी उसे अपना आत्मसम्मान खोकर या फिर जेल की कोठरी में जीवन गुजार कर करनी पड़ती है। ऐसे ही चंद रुपयों के लालच में आकर दो युवक साइबर ठगी सम्बंधित अपराध में पकड़े गए। बता दें कि जिले की पुसौर पुलिस ने साइबर ठगी के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले दो म्यूल खाता धारकों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के “समन्वय” पोर्टल से साइबर अपराध से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां शोध एवं अनुसंधान के लिए पुलिस को उपलब्ध कराई जाती हैं। इसी क्रम में प्रदेश के विभिन्न बैंकों में साइबर धोखाधड़ी से प्राप्त रकम के लेनदेन में प्रयुक्त हुए खातों का विवरण साइबर सेल रायगढ़ को प्राप्त हुआ था। जांच के दौरान पुसौर क्षेत्र के कारीछापर निवासी ईश्वर सिदार का नाम सामने आया, जिसे तलब कर पूछताछ की गई। पूछताछ में ईश्वर सिदार ने बताया कि उसके गांव के ही ऋषि कुमार सिदार ने उसे बैंक में जाकर अपने नाम से खाता खुलवाने के लिए कहा और बदले में प्रतिमाह 1000 रुपये देने का लालच दिया था।

ईश्वर सिदार ने कर्नाटक बैंक में खाता खुलवाकर पासबुक ऋषि को सौंप दी थी, जिसके एवज में उसे 1000 रुपये मिले भी थे। इस खाते के लेनदेन के बारे में उसे आगे कोई जानकारी नहीं थी। साइबर सेल की जांच में उक्त खाते में कुल 6,92,200 रुपये साइबर धोखाधड़ी से प्राप्त राशि के रूप में जमा होना पाया गया। दोनों आरोपी यह जानते हुए कि इन खाते के जरिए अवैध रूप से ठगी की रकम को हासिल कर उसे आगे पहुंचाने का कार्य किया जावेगा और उसने यह कृत्य जानबूझकर किया। साइबर सेल रायगढ़ की लिखित शिकायत पर थाना पुसौर पुलिस ने सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की। जांच के दौरान ईश्वर सिदार (29 वर्ष) तथा ऋषि कुमार सिदार (33 वर्ष), दोनों निवासी कारीछापर थाना पुसौर, के विरुद्ध अपराध साबित होने पर उन्हे 13 नवंबर 2025 को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया।
इस प्रकार गरीबी और बेरोजगारी का दंश झेल रहा युवा वर्ग खासकर ग्रामीण क्षेत्र के युवा शिक्षा व जागरूकता की कमी के कारण ठगों के झाँसे में आ जाते हैं और कुछ रुपयों के लालच में ऐसा कृत्य कर बैठते हैं जिसके परिणाम के बारे में भी नहीं सोचते और जब कानून के हाथ गर्दन तक पहुँचते हैं तो सिवाय पछतावे के और कोई रास्ता नहीं बचता। यहाँ बताना आवश्यक है कि मनी म्यूल्स का मतलब ऐसे व्यक्ति जिनका जानबूझकर या अनजाने में अवैध धन राशि को वैध बनाने के लिए किया जाता है। धोखेबाज उन्हें चोरी का पैसा प्राप्त करने और उसे स्थानांतरित करने के लिए कमीशन देते हैं। इस तरह अपनी पहचान छिपाने के लिए धन राशि कई खातों में भेजी जाती है। ऐसी गतिविधियों में शामिल होना कानूनन अपराध है।
