
तहतक न्यूज/कोटमी सोनार-जांजगीर-चांपा, छत्तीसगढ़। आज मानव समाज जितना शिक्षित, सभ्य और जागरूक होता जा रहा है उतना ही काम, क्रोध, लोभ और मोह के मायाजाल में धँसता नजर आ रहा है। क्रोध इतना हावी हो गया है कि लोग मामूली बात पर गुस्से से आग-बबुला हो जा रहे हैं और मरने-मारने पर उतारू हो जा रहे हैं। जिले से एक ऐसी ही सनसनीखेज वारदात की तस्वीर सामने आई है। कोटमी सोनार चौकी क्षेत्र में दीपावली की रात दरवाजे पर पटाखा फोड़ने को लेकर हुए विवाद में एक युवक की निर्मम हत्या कर दी गई। इस घटना से पूरे क्षेत्र में भय और तनाव का माहौल पैदा हो गया है।



प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक बालमुकुंद सोनी (45 वर्ष) अपनी बुजुर्ग मां के साथ रेलवे स्टेशन मोहल्ले में रहता था। सोमवार दिवाली की रात घर के सामने कुछ लड़के पटाखे फोड़ रहे थे। पटाखों के तेज आवाज से बालमुकुंद और उसकी मां को परेशानी हो रही थी। बालमुकुंद ने पटाखे फोड़ने से मना किया। इस दौरान लड़कों और बालमुकुंद के बीच कहा-सुनी हुई। विवाद के बाद लड़के वहाँ से चले गए, लेकिन अगले दिन सुबह जब बालमुकुंद की मां बेटे के कमरे में गयी, तो बालमुकुंद की रक्त रंजित लाश उसके कमरे में पड़ी मिली।



इस प्रकार दरवाजा के सामने पटाखा फोड़ने से मना करने जैसी छोटी सी बात को लेकर उपजा विवाद इतना बढ़ गया कि बालमुकुंद की जान ही चली गयी। बालमुकुंद की निर्मम हत्या किसने की यह तो पुलिस जाँच के बाद ही पता चल पायेगा, किन्तु इस हृदय विदारक घटना ने यह साबित कर दिया है कि सीधा-सादा एक भला इंसान आज भी आजाद भारत में गुलामों की भांति डरा सहमा जीवन जीने को मजबूर है।





