
तहतक न्यूज/सारंगढ़-बिलाईगढ़, छत्तीसगढ़।
सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी कई शासकीय स्कूलों में व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। सतत निरीक्षण के अभाव में कुछ स्कूल प्रबंधनों की लापरवाही इतनी बढ़ गयी है कि कक्षाओं में सफाई कर्मचारियों के बजाय पढ़ने वाले छोटे बच्चों से झाड़ू लगवाए जाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। जिस स्कूल में बच्चों को शिक्षा लेने के लिए भेजा जाता है, वहां पर उन्हें झाड़ू लगाने की कला सिखायी जा रही है।
दरअसल, सारंगढ़ विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला रीवापार का एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें स्कूल की लड़कियाँ झाड़ू लगाते हुए नजर आ रही हैं। इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे छोटी-छोटी बच्चियाँ स्कूल के कमरे में झाड़ू लगाकर कचरा साफ कर रही हैं। यह दृश्य बहुत ही निंदनीय है, क्योंकि स्पष्ट है कि कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों को झाड़ू लगाने को कहा जाता होगा, तभी तो ये मासूम बेटियाँ कागज-कलम की जगह झाड़ू थामी नजर आ रहीं हैं।

बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, उनका भविष्य बेहतर हो, यह सोचकर सरकार शासकीय स्कूलों में हर तरह की व्यवस्था उपलब्ध करा रही है। स्कूलों में चपरासी व सफाई कर्मी रखे गये हैं उसके बावजूद भी बच्चों से इस तरह का कार्य कराने से, जहाँ सीधे तौर पर बच्चों के मानसिकता पर असर पड़ रहा है वहीं उनके मन में हीनता की भावना को बल मिल रहा है।
वास्तव में देखा जाय तो ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का बुरा हाल है। नियमित रूप से बड़े अधिकारियों के दौरे और निरीक्षण के अभाव में कुछ जिम्मेदार शिक्षक और प्राचार्य लापरवाह हो जाते हैं। ऐसी भी जानकारियाँ सामने आयी हैं, जिनमें कुछ टीचर हैं जो लेट से पहुँचते हैं, कुछ शराब भी पीकर आते हैं, भला ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे नालंदा परिसर तक कैसे पहुँच पाएंगे?