
💥खाना खाने आया था रूम में, अचानक गश खाकर गिर पड़ा।
💥चार दिन पहले ही आया था घर से, मौत से आधा घंटा पहले मोबाईल पर की थी माँ से बातचीत।
💥संवेदनाहीन प्रबंधन ने नहीं किया सहयोग, न कोई सहानुभूति ना कोई आर्थिक मदद।
तहतक न्यूज/पूँजीपथरा-रायगढ़, छत्तीसगढ़।
रायगढ़-घरघोड़ा मुख्यमार्ग के तराईमाल स्थित बी.एस. स्पंज आयरन प्लांट में एक क्रेन ऑपरेटर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि बीएस स्पंज आयरन का यह कर्मचारी कंपनी में काम कर रहा था इस बीच खाना खाने के लिए रूम गया और एकाएक गश खाकर गिर पड़ा। पता चलते ही साथी कामगार उसे अस्पताल ले गये जहाँ, चिकित्सकों ने प्राथमिक परीक्षण में ही मृत घोषित कर दिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक राजकुमार बरेठ पिता राजाराम बरेठ (उम्र 42 वर्ष) मूलतः सक्ती जिले के बाराद्वार थानांतर्गत ग्राम कड़ारी का रहने वाला था जोकि, पूँजीपथरा थाना क्षेत्र के ग्राम तराईमाल स्थित बी. एस. स्पंज आयरन में बतौर क्रेन ऑपरेटर के पद पर काम करते हुए कंपनी के ही अंदर लेबर क्वार्टर में रहता था। विगत 17 जून को सुबह से बी.एस. स्पंज आयरन में हाइड्रा चलाने वाला राजकुमार दोपहर लगभग 1 बजे खाना खाने के लिए कंपनी के अपने रूम गया था। क्वार्टर पहुंचते ही राजकुमार को बेचैनी सी महसूस होने लगी। उसकी हालत बिगड़ती देख घबराये साथियों ने सिर व माथे में पानी डाल उसे राहत देने की कोशिश की लेकिन, राजकुमार के मुँह से झाग निकलते ही वह बेहोश हो गया। बदहवास साथी बेसुध राजकुमार को कंपनी के अस्पताल ले गये तो वहाँ के चिकित्सक ने उसे रायगढ़ रेफर कर दिया। आनन-फानन में वाहन की व्यवस्था कर राजकुमार को जिला अस्पताल ले जाया गया जहाँ, पहुँचने से पहले ही युवक ने दम तोड़ दिया। प्रारंभिक जाँच में ही चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
मृतक के भाई राजेश बरेठ ने बताया कि राजकुमार अपनी पत्नी और दो मासूम बेटियों की परवरिश की खातिर बीएस स्पंज आयरन में क्रेन चलाते हुए घर छोड़कर कंपनी में ही रहता था। राजकुमार चार दिन पहले ही अपने परिवार से मिलकर काम पर लौटा था। यही नहीं, कंपनी के भीतर क्वार्टर में राजकुमार की जब संदेहास्पद मौत हुई, उसके आधे घंटे पहले वह मोबाइल फोन से अपनी मां से बातचीत किया था। ऐसे में कंपनी क्वार्टर में उसकी अचानक हुई मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
मृतक के बड़े भाई की मानें तो केजीएच में शव को पोस्टमार्टम रूम में रखने के बाद शोक-संतप्त परिजनों ने बी. एस. स्पंज आयरन के एच.आर. से लेकर एच.ओ.डी. तक घटना की जानकारी देते हुए सहायता माँगी, किन्तु कंपनी प्रबंधन से कोई सहयोग नहीं मिला। कंपनी के संवेदनहीन अधिकारियों ने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया कि वे जल्द ही स्टॉफ भेज रहे हैं, लेकिन दूसरे दिन भी पोस्टमार्टम होते तक कंपनी प्रबंधन की ओर से कोई आगे नहीं आया और न कोई सहानुभूति या फिर आर्थिक मदद की पहल की गयी। बी.एस.स्पंज आयरन की इस बेरुखी से शोक-संतप्त बरेठ परिवार,जहाँ असहाय नजर आया, वहीं इस क्षेत्र में बड़े उद्योगों में शुमार बी.एस.कंपनी की छवि भी पूरे जिले में धूमिल हो रही है।
निरंतर हो रहे कामगारों के मौत के मामले में हकीकत की तहकीकात में तह तक जाकर देखें तो जो हकीकत की तस्वीरें सामने आ रहीं हैं वह बेहद ही निराशाजनक और चिंतनीय हैं। कामगारों के दम पर ही उद्योगपति लाखों से करोड़ों और करोड़ों से अरबों की अपनी तिजोरीयाँ भरते हैं, लेकिन गरीब कामगारों के लिए उनकी नजरों में कोई मान नहीं, कोई सम्मान नहीं। दिखावे के लिए लाखों-करोड़ों का दान कर भले ही शहरों के चौक-चौराहों पर बड़े-बड़े पोस्टर लगवा देंगे, मगर कामगारों के मौत पर मुआवजा तो क्या सांत्वना के दो शब्द भी इनके मुँह से नहीं निकलेंगे।
बहरहाल, जिला चिकित्सालय के मर्च्यूरी रूम में रातभर रहने वाले राजकुमार के शव का पोस्टमार्टम बुधवार दोपहर करवाने वाली पुलिस मर्ग कायम करते हुए घटना की तहकीकात कर रही है, ताकि खुलासा हो सके कि बी.एस. कंपनी में क्रेन ऑपरेटर की अप्रत्याशित मृत्यु और प्रबंधन की संदिग्ध भूमिका के पीछे की असलियत आखिर क्या है?