
तहतक न्यूज/घरघोड़ा-रायगढ़, छत्तीसगढ़।
सुशासन और कुशासन की परिभाषा इन दिनों कुछ समझ में नहीं आ रही है। आम जनता असमंजस में है, वह समझ नहीं पा रही है कि आखिर सुशासन की असली परिभाषा क्या है? क्योंकि, वर्तमान परिदृश्य में दो तस्वीरें दिखायी दे रही हैं, प्रथम पूरे प्रदेश में बीजेपी सरकार “सुशासन तिहार” का कार्यक्रम बना कर गाँव-गाँव और शहर-शहर समाधान शिविर लगा कर आम जनता की समस्याओं का निराकरण करती हुई दिखायी दी वहीं, दूसरी तस्वीर में जनता अपनी समस्याओं को लेकर सड़कों पर आंदोलन करती नजर आ रही है।
आपको बता दें कि ऐसी ही दूसरी तस्वीर घरघोड़ा में देखने को मिली। युवा कांग्रेस के बैनर तले जिला कांग्रेस अध्यक्ष ग्रामीण नागेन्द्र नेगी, प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस राकेश पांडेय, पीसीसी अनिल अग्रवाल , डीसीसी यतीश गांधी, जिला एनएसयूआई आरिफ हुसैन, जिला युवा कांग्रेस अनुराग गुप्ता सहित घरघोड़ा कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों की संख्या में घरघोड़ा थाने का घेराव कर प्रशासन और पुलिस के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
दरअसल, यह प्रदर्शन नगर पंचायत उपाध्यक्ष अमित त्रिपाठी पर दर्ज फर्जी मामले और लोढाझर के युवक पर हुए जानलेवा हमले और घरघोड़ा थाने के संरक्षण में चल रहे अनैतिक गतिविधियों को लेकर किया गया।प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यहाँ की पुलिस सत्ताधारी दल के दबाव में काम कर रही है और न्याय के बजाय अन्याय को संरक्षण दे रही है।
रैली के दौरान जय स्तम्भ चौक पर पुलिस ने रोकने की कोशिश की इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों में झूमा-झपटी भी हुई। अंततः पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमें फर्जी मुकदमों व पुलिस की पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की जाँच की माँग की गयी। कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा है कि यदि जल्दी कार्रवाई नहीं हुई तो एक महीने बाद एसपी कार्यालय का घेराव होगा।
एक तरफ सुशासन के दावों की तस्वीरें और दूसरी तरफ प्रदर्शनों की तस्वीरें देख जनता की माथे की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। तह तक जाकर देखा जाय तो वस्तु स्थिति हाथी के दो दाँत जैसी लग रही है एक खाने के और एक दिखाने के, अब असली कौन है? यह यक्ष प्रश्न बन गया है।